Last Updated:January 20, 2025, 14:12 IST
Supreme Court News: जमीयत उलेमा ए हिंद की तरफ से यूपी सरकार के फैसले के खिलाफ यह याचिका लगाई गई थी. याचिका हलाला सर्टिफिकेट पर यूपी सरकार के बैन के खिलाफ लगाई गई. इसपर सॉलिसिटर जरनल तुषार मेहता की तरफ से जवाब दाखिल किया गया....और पढ़ें
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने निर्यात के लिए उत्पादित वस्तुओं को छोड़कर राज्य में हलाल सर्टिफिकेशन के साथ खाद्य उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग, सेल व स्टोरेज व डिस्ट्रिब्यूशन पर रोक लगाने वाली अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. यह याचिकाएं जमीयत उलेमा ए हिंद की तरफ से लगाई गई हैं. इसपर केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा ने कहा कि यह हैरान करने वाला है कि सीमेंट, सरिया, आटा, बेसन यहां तक कि पानी की बोतल सब हलाल सर्टिफाइड किया जाता है. इस सर्टिफिकेशन से लाखों करोड़ रुपये मिलते है.
जस्टिस बीआर गवाई की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने मांस आधारित उत्पादों के अलावा अन्य उत्पादों पर सट्रिफिकेड को लेकर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि जहां तक हलाला मांस का सवाल है, किसी को कोई आपत्ति नहीं हो सकती लेकिन मॉय लॉड आप यह जानकर शॉक्ड हो जाएंगे, जैसा कि मैं कल हैरान रह गया था। यहां तक कि इस्तेमाल किए जाने वाले सीमेंट-सरिया (लोहे की छड़ें) को भी हलाल-सर्टिफइड किया गया है। हमें जो पानी की बोतलें मिलती हैं, उन्हें हलाल-सर्टिफाइड किया गया है।
जमीयत ने मांगा वक्त
जमीयत उलेमा ए हिंद की ओर से पेश वकील ने कहा कि अल्कोहल इस्तेमाल की चीजें अगर होता हैं तो इस पर हलाल सर्टिफिकेशन की जरूरत होती है. इसके तुरंत बाद जमीयत की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए जवाब पर अपना जवाब दाखिल करना चाहते हैं. जिसके बाद केंद्र के जवाब पर अपना पक्ष रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत को 1 मार्च तक का वक्त दिया है. यूपी सरकार ने हलाल सर्टिफाइड उत्पाद पर बैन लगा दिया था. जिसके तहत ऐसे प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग, सेल व स्टोरेज पर रोक लगा दी गई थी जो हलाल सर्टिफाइड है. पिछली सुनवाई के दौरान ही जस्टिस बीआर गवाई की अध्यक्षता वाली बेंच ने जमीयत चीफ महमूद मदनी और अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ किसी भी दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दिया था.
First Published :
January 20, 2025, 14:12 IST