हिजबुल्लाह के साथ जमीनी लड़ाई में इजरायल को तगड़ा झटका लगा है. हिजबुल्लाह के लड़ाकों ने इजरायली सेना के 14 जवानों को मार गिराया है. कई और जवानों के मारे जाने की बात सामने आ रही है. 30 से ज्यादा सैनिक घायल हुए हैं. आक्रमण शुरू होने के बाद से लेबनान में इस तरह की पहली घटना है. लेकिन क्या हिजबुल्लाह इजरायली सेना को हराकर यह जंग जीत पाएगा?
साउथ लेबनान में इजरायल की आर्मी घुस चुकी है, लेकिन 48 घंटे से भी ज्यादा का वक्त हो गया, वह 500 मीटर से आगे नहीं बढ़ पाई है. क्योंकि उसके सामने हिजबुल्लाह के लड़ाके खड़े हैं, जो रॉकेट से हमला कर रहे हैं. बुधवार सुबह सबसे पहले हिजबुल्लाह ने अदाइसेह कस्बे में इजरायली सैनिकों को खदेड़ने का दावा किया. हालांकि, इस जंग में उसके कई लड़ाके मारे गए. लेबनानी सेना ने दावा किया कि इजरायली सेना लेबनान में लगभग 400 मीटर तक आगे बढ़ गई थी, और फिर वापस लौट गई.
2006 जैसी हालत न बन जाए
इसके बाद इजरायली आर्मी आईडीएफ ने सफाई दी. वीडियो जारी कर कहा- हिजबुल्लाह के साथ उनकी जमीनी जंग जारी है. वीडियो में सैनिकों को आगे बढ़ते हुए दिखाया गया है. इसके कुछ देर बाद, हिजबुल्लाह ने दावा किया कि उसने तीन इज़रायली टैंक नष्ट कर दिए. बॉर्डर के पूर्वी हिस्से में मारून अल-रास गांव के पास मौजूद इन मर्कवा टैंकों को रॉकेट से निशाना बनाया गया. इससे पहले, हिजबुल्लाह ने इसी क्षेत्र में इजरायली सैनिकों पर घातक हमला करने का दावा किया था. इजरायली सेना के प्रवक्ता ने चेतावनी दी कि हमारे पास मिडिल ईस्ट में किसी भी इलाके में हमला करने की क्षमता है. और हमारे जो दुश्मन अभी तक इसे नहीं समझ पाए हैं, वे जल्द ही समझ जाएंगे. लेकिन जिस तरह जमीनी हमले में हिजबुल्लाह भारी पड़ रहा है, उससे इजरायल को डर सताने लगा है कि कहीं 2006 जैसी हालत न हो जाए, जब उसे हिजबुल्लाह से हार का मुंह देखना पड़ा था.
किस बात का खतरा
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, हिजबुल्लाह को पता है कि अगर इजरायली सेना लेबनान के अंदर मौजूद रहेगी तो वहां इजरायल न तो रॉकेट हमले करेगा और न ही F-35 फाइटर प्लेन का इस्तेमाल उन क्षेत्रों में करेगा. क्योंकि अगर ऐसी बमबारी की गई, तो इजरायली सैनिकों के मरने का खतरा है. उधर, हिजबुल्लाह एंटी एयरक्रॉफ्ट मिसाइलों से लैस है, जो कभी भी अटैक कर सकता है. इसके अलावा हिजबुल्लाह के लड़ाके इन इलाकों से ज्यादा परिचित हैं. उन्हें गुरिल्ला वॉर की ट्रेनिंग है. इसलिए वे इजरायली सैनिकों पर भारी पड़ सकते हैं. अगर वे इजरायल का मुकाबला करते हैं, तो उन्हें लेबनान के लोगों का भी सपोर्ट मिलेगा.
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FIRST PUBLISHED :
October 2, 2024, 21:32 IST