नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के हलफनामे पर नाराजगी जताई. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह दिल्ली सरकार के हलफनामे से संतुष्ट नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने एंट्री प्वाइंट पर लापरवाही को लेकर भी नाराजगी जताई. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि आप हमें बताएं कि ट्रकों और मालवाहक वाहनों के प्रवेश को आप कैसे रोक रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में दर्ज किया कि दिल्ली सरकार के हलफनामे से अदालत संतुष्ट नहीं.
दरअसल, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर के दूसरे राज्यों से 3 दिन में हलफनामा दाखिल कर बताने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने यह बताने को कहा था कि उन्होंने इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई की है. कोर्ट ने एनसीआर के सभी राज्य के 12वीं तक की कक्षाओं को ऑनलाइन मोड में चलाने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि केंद्र और राज्य सरकार दफ्तरों में 50% कर्मचारियों के साथ काम करने पर भी विचार करें.
दिल्ली में वायु प्रदूषण मामले पर सुनवाई के दौरान ए. जस्टिस अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि हमारे लिए यह मान लेना बहुत मुश्किल है कि दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश रोक दिया गया है. पीठ ने कहा कि इसलिए वह दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर नजर रखने के लिए केंद्र को 113 स्थानों पर पुलिस कर्मियों की तैनाती करने का निर्देश देने का प्रस्ताव रखती है.
दिल्ली सरकार की ओर से पेश सीनियर वकील ने पीठ को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कुल 113 प्रवेश बिंदु हैं जिनमें से 13 ट्रकों के लिए हैं. न्यायालय दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण से संबंधित मामले पर सुनवाई कर रहा है. कोर्ट ने प्रदूषण में चिंताजनक वृद्धि रोकने के लिए कड़े कदम उठाने में विलंब पर नाराजगी जाहिर करते हुए दिल्ली-एनसीआर राज्यों को ग्रैप-4 के तहत प्रतिबंध लागू करने के लिए तुरंत टीम गठित करने का 18 नवंबर को निर्देश दिया था और कहा था कि अगला आदेश दिए जाने तक ये प्रतिबंध लागू रहेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली सरकार के हलफनामे से संतुष्ट नहीं हैं. दिल्ली- NCR में वायु प्रदूषण मामले पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किया. इसके मुताबिक, दिल्ली के सभी एंट्री पॉइंट्स की मॉनिटरिंग हो. इसके साथ ही ट्रकों की एंट्री रुकी या नहीं, इस मामले की मॉनिटरिंग के लिए युवा वकीलों की टीम बने. इस मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अभय एस ओका ने दिल्ली सरकार के तरफ से पेश वकील से पूछा कि ट्रकों और सामान लेकर जा रहे वाहनों की एंट्री कैसे बंद की है? इसके जवाब में वरिष्ठ वकील गोपाल शंकर नारायणन ने कहा कि हमने कुछ रिपोर्ट और स्टडी सबमिट की है, जिनमें जिक्र है कि किस तरह ये ट्रक घूस देकर शहर में घुसने का रास्ता निकाल रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या कोई सीसीटीवी फुटेज है, जो यह सब कवर कर रहा है? हमें फुटेज कौन उपलब्ध कराएगा? इस पर दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि MCD उपलब्ध कराएगी. सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर वकील मेनेका गुरुस्वामी से कहा कि आप MCD के लिए उपस्थित होंगी? इस पर वरिष्ठ वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि मैं पेश होती हूं लेकिन अभी मैं स्कूली बच्चों की अर्जी के संबंध में माता-पिता के लिए उपस्थित हो रही हूं ,जिसका हमने आज सुबह उल्लेख किया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह सोमवार को याचिका पर सुनवाई करेगा. कोर्ट ने सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने को कहा है.
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FIRST PUBLISHED :
November 22, 2024, 14:51 IST