Last Updated:January 12, 2025, 12:40 IST
प्रेमानंद महाराज अपने प्रवचनों में जीवन, मृत्यु सहित इंसान के कर्मों के बारे में अकसर बातें करते हैं. इनका मानना है कि 'मृत्यु जीवन का अंतिम सत्य है और व्यक्ति के जीवन में सुख-दुख उसके कर्मों पर निर्भर करता है. अच्छे कर्म करने से अच्छा...और पढ़ें
Premanand ji maharaj: प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन के प्रसिद्ध संत हैं. उनके सत्संग सुनने लोग दूर-दूर से आते हैं. बॉलीवुड के कई सिलेब्रिटी भी अब तक कई बार उनके आश्रम में उनसे आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं. बता दें कि प्रेमानंद जी अपने सत्संग में भक्त जीवन से जुड़े मन में उत्पन्न प्रश्नों के उत्तर भी वहां पूछते हैं और महाराज जी भी अपने प्रवचन के दौरान भक्तों के प्रश्नों को बहुत गंभीरता के साथ सुनते हैं और उत्तर से भक्तों का मन शांत कर देते हैं. सोशल मीडिया पर काफी देखे-सुने जाने वाले संत प्रेमानंद जी महाराज ने अपने सतसंग में दुखों के आने के कारण के बारे में बात की और बताया कि जीवन में दुख क्यों आते हैं.
दरअसल, प्रेमानंद जी महाराज के सत्संग में एक भक्त ने सवाल पूछा कि जीवन में दुख क्यों आता है. इसपर जवाब देते हुए प्रेमानंद जी महाराज ने उत्तर देते हुए कहा कि सुख और दुख मनुष्य के जीवन का हिस्सा है. इसलिए जीवन में कभी सुख मिलेगा तो कभी दुख का भी सामना करना पड़ेगा.
आगे प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि सुख और दुख एक ही सिक्के के दो पहलू की तरह हैं. यह दोनों अलटते-पलटते रहेंगे. इसलिए इस बात से कभी निराश ना हों कि हमारे हिस्से दुख क्यों आ रहा है. इसके बाद महाराज जी ने यह भी बताया की हमारे जीवन में दुख क्यों आता है.
क्या है जीवन में दुख आने की वजह जानें
प्रेमानंद जी महाराज ने कारण बताते हुए का कि, हमारा अज्ञान हमारा नाश कर रहा है और हमें तनाव, डिप्रेशन दे रहा है. यह अज्ञान हमें दुख देता है. इसलिए अगर आप अपने दुख से मुक्ति पाना चाहते हैं तो भगवान का भजन करें और उनके नाम का जप करें. इससे अज्ञानता का नाश होता है. महाराज जी का कहना है कि अगर भगवान के नाम का जप नहीं किया तो जीवनभर कष्ट ही कष्ट आएंगे.