चंडीगढ़. हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान कुमारी सैलजा को लेकर कांग्रेस पार्टी के बीच काफी घमासान मचा रहा. सैलजा चुनाव प्रचार से 14 दिन भी दूर रही. अहम बात है कि विधानसभा चुनाव में सैलजा के समर्थक प्रत्याशी भी हार गए. वहीं, अब सामने आया है कि कुमारी सैलजा के घर में कांग्रेस पार्टी को बढ़त नहीं मिली है और यहां पर भी भाजपा को कांग्रेस प्रत्याशी के मुकाबले ज्यादा वोट मिले हैं.
एआईसीसी की जनरल सेक्रेटरी और कांग्रेस वर्किंग कमेटी की सदस्य कुमारी सैलजा मूल रूप से हिसार की उकलाना विधानसभा क्षेत्र के प्रभुवाला गांव की रहने वाली हैं. यहां पर उनके धुर विरोधी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक नरेश सलवान को कांग्रेस ने टिकट दिया और उन्हें जीत भी मिली है. उन्होंने भाजपा के अनूप धानक को हराया है. हालांकि, चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, प्रभुवाला गांव में कांग्रेस को महज 906 ही वोट मिले, जबकि भाजपा को दोगुने मत प्राप्त हुए. मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि सैलजा के गांव के वोटों मने भाजपा का साथ दिया और यहां से 1889 वोट पड़े. अहम बात है कि सैलजा यहां से अपने परिवार के सदस्य के लिए टिकट चाहती थी. वहीं, नारनौंद से भी वह अपने समर्थक के लिए टिकट चाह रही थी.
सैलजा और हुड्डा में हुई थी रार
बता दें कि हरियाणा विधानसभ चुनाव के दौरान सीएम पद के लिए लगातार कुमारी सैलजा दावेदारी ठोकती रहीं. इस कारण कांग्रेस पार्टी में घमासान लगातार मचा रहा.सैलजा 12 सितंबर के बाद से चुनाव प्रचार से दूर रही और फिर 26 सितंबर को करनाल के असंध में राहुल गांधी की रैली में नजर आई. कांग्रेस की तरफ से सब कुछ ठीक होने की बातें कहीं, लेकिन चुनावी नतीजों से पता चलता है कि पार्टी में गुटबाजी के चलते नुकसान हुआ और सत्ता विरोधी लहर के बीच भी कांग्रेस सरकार नहीं बना पाई.
गौरतलब है कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने 48 सीटें जीती हैं. कांग्रेस को 37 सीटें मिली है. दोनों ही पार्टियों को इस बार चुनाव में 8 और 6 सीटों का फायदा हुआ. हालांकि, कांग्रेस सरकार नहीं बना पाई.
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FIRST PUBLISHED :
October 11, 2024, 08:47 IST