Last Updated:February 01, 2025, 16:51 IST
Old vs New Tax Regime : नए टैक्स रिजीम में सरकार स्लैब को एक बार फिर घटा दिया है, जबकि पुरानी रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया. लिहाजा, अगर हाई इनकम क्लास के लिहाज से देखा जाए तो कौन सा रिजीम अपनाना बेहतर होगा.
नई दिल्ली. वित्तमंत्री निर्मला सीतरमण ने बजट 2025 में मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में इतनी बड़ी राहत दी है, जितनी आज तक के इतिहास में घोषणा नहीं गई थी. उन्होंने मिडिल क्लास को राहत देने के लिए 12 लाख रुपये तक की कमाई को इनकम टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया, जबकि 24 लाख रुपये तक कमाने वालों पर भी टैक्स का बोझ 1.10 लाख रुपये कम कर दिया है. ऐसे सवाल उठता है कि अगर एक आदमी 24 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई करता है तो उसके लिए कौन सा रिजीम अपनाना बेहतर होगा.
इससे पहले बता दें कि सरकार ने इनकम टैक्स की सारी छूट नई रिजीम में ही दे रही है, पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. नए रिजीम में एक बार फिर टैक्स स्लैब को घटा दिया गया है, जबकि पुराने रिजीम के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि, पुराने रिजीम में आज भी तमाम तरह के निवेश पर इनकम टैक्स की छूट मिलती है. यही वजह है कि हाई इनकम वाले के लिए आज भी दोनों रिजीम में से सही और ज्यादा बचत करने वाली स्कीम का चुनाव करना एक चुनौती बना हुआ है. इस पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए एक आसान सा कैलकुलेशन दिखाते हैं.
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30 लाख रुपये पर नए रिजीम में कितना टैक्स
नए रिजीम में 4 लाख रुपये तक शून्य टैक्स कर दिया है और 75 हजार रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन है तो टैक्सेबल इनकम बची 25.25 लाख रुपये. अब 4 से 8 लाख रुपये तक 5 फीसदी यानी 20 हजार रुपये टैक्स. 8 से 12 लाख रुपये तक 10 फीसदी यानी 40 हजार रुपये टैक्स. 12 से 16 लाख तक 15 फीसदी यानी 60 हजार रुपये टैक्स, 16 से 20 लाख तक 20 फीसदी यानी 80 हजार रुपये टैक्स, 20 से 24 लाख तक 25 फीसदी यानी 1 लाख रुपये टैक्स और 24 लाख से ऊपर (5.25 लाख पर) 30 फीसदी यानी 1,57,500 लाख रुपये टैक्स. इस तरह, 30 लाख रुपये सालाना कमाई पर कुल टैक्स 4.57 लाख रुपये देना होगा.
पुराने रिजीम में कितनी छूट मिलेगी
अगर 30 लाख रुपये कमाने वाला व्यक्ति पुराने रिजीम का चुनाव करता है तो उसे कई तरह की टैक्स छूट का लाभ मिल जाता है. इसके तहत इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये, होम लोन के ब्याज पर 2 लाख रुपये, एनपीएस में 50 हजार रुपये और खुद के हेल्थ इंश्योरेंस पर 25 हजार तो माता-पिता के हेल्थ इंश्योरेंस पर 50 हजार की छूट मिलती है. इसके अलावा 50 हजार का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है. इसके अलावा इनकम टैक्स की धारा 10(13A) के तहत हाउस रेंट अलाउंस यानी एचआरए पर भी छूट मिलती है.
मान लीजिए 30 लाख की सैलरी में से 8 लाख रुपये बेसिक है तो दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में इसका 50 फीसदी यानी 4 लाख रुपये एचआरए क्लेम कर सकते हैं. छोटे शहरों में 40 फीसदी 3.20 लाख रुपये एचआरए ले सकते हैं या फिर जो भी किराया चुकाते हैं उसमें से बेसिक सैलरी का 10 फीसदी घटाकर जो भी राशि आए, उस पर ले सकते हैं. अब मान लेते हैं कि 4 लाख रुपये एचआरए लिया है तो कुल छूट हो गई 9.25 लाख रुपये और टैक्सेबल इनकम होगी 30 लाख माइनस 9.25 लाख रुपये यानी 20 लाख 75 हजार रुपये.
पुराने रिजीम में कितना टैक्स लगेगा
पुराने टैक्स रिजीम में 2.5 लाख तक शून्य टैक्स लगता है. 2.5 लाख से 5 लाख तक 5 फीसदी टैक्स यानी 12.5 हजार रुपये. 5 से 10 लाख रुपये तक 20 फीसदी यानी 1 लाख रुपये टैक्स. 10 लाख से ज्यादा की कमाई यानी 10.75 लाख रुपये पर 30 फीसदी टैक्स जो 3,22,500 रुपये होगा. इस तरह, कुल टैक्स देनदारी होगी 4,35,000 लाख रुपये. चूंकि, नई टैक्स रिजीम में 4.57 लाख रुपये का टैक्स लगा था तो पुराने रिजीम में करीब 22 हजार रुपये बच जाएंगे, लेकिन ऐसा तब होगा जब आपकी कंपनी एचआरए के रूप में मोटी रकम पर टैक्स छूट देती है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 01, 2025, 16:51 IST