नई दिल्ली. आप अपने परिवार या रिश्तेदारों के साथ कभी ना कभी रेस्टोरेंट में खाना खाने के लिए गए होंगे और महज 20 रुपये में मिलने वाली पानी की बोलत जरूर दोगुने से तीन गुना दामों पर खरीदी होगी. ऐसा होना आम बात है. अक्सर मॉल या एयरपोर्ट जैसी जगह पर पानी की बोतल पर अनाब-शनाब पैसे वसूले जाते हैं. अक्सर लोग इस तरह की चीजों को नजरअंदाज कर देते है. गुजरात के वडोदरा में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया लेकिन इस युवक ने रेस्टोरेंट के खिलाफ लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी.
वडोदरा उपभोक्ता आयोग ने कबीर की किचन कैफे गैलरी के खिलाफ शिकायतकर्ता जतिन वलंगर को मानसिक उत्पीड़न के लिए 5,000 रुपये देने का आदेश दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सात साल लंबी कानूनी लड़ाई के दौरान हुए कानूनी खर्च के रूप में शिकायतकर्ता को 2,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा. इसके अलावा कैफे को वलंगर को बोतल के लिए अधिक वसूले गए 21 रुपये पर 9% की ब्याजद दर से भुगतना करने का आदेश दिया.
750 ML की बोतल की थी ऑर्डर
पेश मामले में वलंगर कैफे गए और 750 मिलीलीटर की पानी की बोतल का ऑर्डर दिया. पीते समय, उन्होंने देखा कि मेन्यू में बोतल का दाम 39 रुपये लिखा है जबकि बोतल पर यह दाम 20 रुपये है. यह रेस्टोरेंट एक बोतल पानी पर 19 रुपये ज़्यादा वसूल रहा है. सर्विस टैक्स जोड़ने के बाद यह रकम 41 रुपये बन गई. रेस्टोरेंट ने बार-बार कहने के बावजूद भी पूरी कीमत वसूली. जिसके बाद उन्होंने ग्राहक सुरक्षा जागृति मंच के समर्थन से इस केस को कंज्यूमर कोर्ट में उठाया.
शिकायतकर्ता से गलत व्यवहार
उन्होंने आरोप लगाया कि कैफे ने कानूनी रूप से अनिवार्य एमआरपी से ज्यादा रकम वसूली. कोर्ट के नोटिस के बावजूद, कैफे मैनेजमेंट ने कोई कोई जवाब नहीं दिया. वलंगर द्वारा पेश किए गए सुबूतों को देखने के बाद कंज्यूमर कोर्ट ने माना कि कैफे ने पानी की बोतल 41 रुपये में बेची, जो कि उसके एमआरपी 20 रुपये से काफी ज्यादा थी. फैसले में कहा गया कि यह मुनाफा कमाने के मकसद से अनुचित ट्रेड प्रैक्टिस है. आयोग ने कहा, “शिकायतकर्ता हैरान था क्योंकि उससे बोतल के लिए 20 रुपये के बजाय 41 रुपये लिए गए थे और कैफे ने भी उसके साथ अभद्र व्यवहार किया. शिकायतकर्ता का गुस्सा होना स्वाभाविक है.”
Tags: Consumer Court, Gujarat News Today, Vadodara News
FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 13:02 IST