21000 Vs 1000... गोगो दीदी का चल गया जादू? प्लान BJP का, खेल खराब हुआ JMM का!

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रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव अब खत्म हो चुका है. नेता और प्रत्याशी अब सब अपने घर में हैं और नतीजे के दिन का इंतजार कर रहे हैं, जो 23 नवंबर को आने वाला है. हालांकि उससे पहले एग्जिट पोल सामने आया, जिसमें एनडीए को बहुमत मिलता हुआ नजर आ रहा है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या बीजेपी के चुनावी वादे झारखंड चुनाव में कारगर साबित हुए? वहीं दूसरी तरफ चुनाव की तारीखों के ऐलान से ठीक एक दिन पहले हेमंत सोरेन की सरकार ने भी बड़ी चाल चल दी थी, मईंया योजना में मिलने वाले भत्ते को बढ़ाकर. राज्य सरकार का यह कदम बीजेपी के लिए चुनौती बन गया, जिसका तोड़ निकालते हुए बीजेपी ने गोगो दीदी योजना का ऐलान कर दिया.

गोगो दीदी Vs मईंया योजना
गोगो दीदी योजना का ऐलान भाजपा ने अपने घोषणापत्र में किया है. इस योजना के तहत झारखंड में महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये दिए जाने का वादा किया गया है. इस योजना के जरिए झारखंड में एनडीए की सरकार बनते ही महिलाओं के बैंक खातों में हर महीने 2100 रुपये भेजे जाएंगे. जबकि हेमंत सरकार वाली मईंया योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये मिलते हैं. भाजपा कार्यकर्ता तो चुनाव के नतीजों से पहले ही घर-घर जाकर महिलाओं से फॉर्म भरवाना भी शुरू कर दिया.

बंटेंगे तो कटेंगे Vs एक रहेंगे तो नेक रहेंगे
भारतीय जनता पार्टी देश के दो राज्यों और कई राज्यों के उपचुनाव के ऐलान से ठीक पहले एक नारा दिया, ‘बंटेंगे तो कटेंगे.’ इस नारे को बीजेपी के सभी स्टार प्रचारकों ने चुनावी राज्य में खूब भुनाया. इसको लेकर कई राज्यों में पोस्टर वार भी शुरू हो गए. इस नारे को लेकर विपक्ष ने बीजेपी पर बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया. लेकिन इस नारे का तोड़ विपक्ष के पास नहीं था. विपक्ष ने फिर नारा निकाला ‘एक रहेंगे तो नेक रहेंगे.’

झारखंड में घुसपैठ का मुद्दा
झारखंड में घुसपैठ के मुद्दे को लेकर बीजेपी पूरी तरह से हमलावर रही और पार्टी के स्टार प्रचारकों ने हर जनसभा में इस बात को मुखर तरीके से रखा और वादा किया है कि झारखंड में एनडीए की सरकार बनते ही घुसपैठियों को राज्य से बाहर किया जाएगा और इसके लिए एनआरसी लाई जाएगी. हालांकि एनडीए के नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि एनआरसी आदिवासियों के लिए बिल्कुल नहीं होगी. बीजेपी सोरेन सरकार पर आरोप लगाती रही है कि राज्य सरकार के बढ़ावा के चलते आदिवासी समाज पर संकट गहरा गया है.

Tags: Jharkhand predetermination 2024

FIRST PUBLISHED :

November 21, 2024, 08:23 IST

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