Last Updated:January 19, 2025, 07:52 IST
Chittorgarh-Bhusawal Highway: मध्य प्रदेश के खरगोन को इंदौर से जोड़ने वाले चित्तौड़गढ़-भुसावल राजमार्ग क्रमांक 38 की हालत खराब है. जाम गेट से बागदरा तक की पूरी सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है. जांच में बड़ी लापरवाही सामने आई..
चित्तौड़गढ़-भुसावल राजमार्ग 38 का हाल खराब.
खरगोन. मध्य प्रदेश के खरगोन को इंदौर से जोड़ने वाले चित्तौड़गढ़-भुसावल राजमार्ग क्रमांक 38 की हालत बेहद खराब हो चुकी है. सबसे ज्यादा दिक्कत जाम गेट से बागदरा तक की है. यहां की पूरी सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है. इसकी वजह से यात्रियों का सफर अब जोखिम भरा हो गया है. मुख्यालय से तकरीबन 75 km दूर ग्राउंड जीरो (जाम घाट एरिया) पर जाकर लोकल 18 की टीम ने सड़क का मुआयना किया. सड़क की हालत इतनी खराब मिली कि गड्ढों और उड़ती धूल के गुबार भी सफर में बाधा बन रहे हैं. जबकि, रोड की मरम्मत करने की बजाय जिम्मेदार आंखें मूंद कर बैठे हैं.
सुरक्षा की भी अनदेखी
दरअसल, ढाई हजार साल पुराने इस मार्ग पर लगभग 77 km की सड़क निर्माण के लिए सरकार ने साल 2011 में टेंडर जारी किए थे. लेकिन, काम शुरू होने में ही 6 साल बीत गए. आखिर, 2017 में सड़क निर्माण शुरू हुआ. कई रुकावटों के बाद 2019 में बनकर तैयार हुआ. इसमें भी निर्माण कंपनी ने भ्रष्टाचार करते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की अनदेखी कर दी. चोली गांव में पुलिया का निर्माण आज तक नहीं हो पाया. घाट सेक्शन में कई जगह सुरक्षा के लिए रेलिंग तक नहीं लगाई. जबकि, 60 km की दूरी में दो जगह महू और सोमखेड़ी फाटे पर कंपनी टोल वसूल रही है.
ढाई हजार साल पुराना है मार्ग
बता दें कि इस मार्ग को जाम रोड और महू-मंडलेश्वर स्टेट हाईवे के नाम से भी जाना जाता है. यह देश के सबसे पुराने मार्गों में से एक है, जो देश के सभी प्रमुख मार्गों से जुड़ा है. पहले यह मार्ग उज्जैन-पैठण मार्ग कहलाता था. होलकर काल में अहिल्या बाई होलकर भी इंदौर से महेश्वर आवागमन के लिए इसी मार्ग का उपयोग करती थीं. जाम दरवाजे का निर्माण भी उन्हीं के द्वारा कराया गया था, जो आज मध्य प्रदेश के प्रमुख और खूबसूरत पिकनिक स्पॉट में से एक है. निमाड़-मालवा की खूबसूरती का दीदार करने हर साल यहां लाखों पर्यटक आते हैं. सर्दियों और बारिश के मौसम में यहां का नज़ारा कश्मीर से कम नहीं है.
जाम गेट से चोली तक सबसे ज्यादा समस्या
साल 2019 में इस मार्ग पर पक्की सड़क बनने से मंडलेश्वर से इंदौर की दूरी करीब 25 km घट गई. लोगों के लिए यात्रा सुगम हो गई. लेकिन, रोड बनने के बाद निर्माण कंपनी और मध्य प्रदेश रोड़ डेवलपमेंट कंपनी (MPRDC) की अनदेखी के चलते आजतक इसकी मरम्मत नहीं हो पाई. जिसकी वजह से स्थिति दयनीय हो गई है. मंडलेश्वर से महू के बीच करीब 50 km के मार्ग में जाम गेट से नीचे खरगोन सीमा के चोली गांव तक करीब 25 km की सड़क पूरी तरह उखड़ गई है. इसमें भी घाट सेक्शन में करीब 8 km के एरिया में तो सड़क ही गायब हो गई है.
जल्द हो सड़क की मरम्मत
यात्रियों का कहना है कि इस मार्ग पर दूरी कम होने से सफर जल्दी तय हो जाता है. समय के साथ पैसों की भी बचत होती है. ट्रैफिक भी ज्यादा नहीं रहता. लेकिन, अब सड़क में गड्ढे इतने हो गए हैं कि गाड़ियों का मेंटेनेंस महंगा पड़ने लगा है. समय भी अधिक लगने लगा है, रोड के साइड में रेलिंग नहीं होने और धूल मिट्टी उड़ने से खतरा भी बढ़ गया है. जल्द ही सड़क की मरम्मत होना चाहिए.
रोड बनाने वाली कंपनी ब्लैक लिस्टेड
इधर MPRDC के महाप्रबंधक राजेश जैन रोड के संबंध में बात करने के लिए कई बात फोन पर संपर्क किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया. वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रोड बनाने वाली महू की पाथवे कंपनी को MPRDC ने ब्लैक लिस्टेड कर दिया है. टोल का संचालन भी अब खुद MPRDC कर रही है.
Location :
Khargone,Madhya Pradesh
First Published :
January 19, 2025, 07:51 IST
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