Last Updated:January 19, 2025, 10:14 IST
IAS Story, DM Ghaziabad: उत्तर प्रदेश के एक डीएम साहब काफी चर्चा में रहे. उन्होंने बैंक के लंबित मामलों को पूरा कराने के लिए सभागार का दरवाजा ही बंद करा दिया जिसके बाद यह घटना सुर्खियों में आ गई. आइए आपको बताते हैं कि ये...और पढ़ें
IAS Story, DM Ghaziabad: उत्तर प्रदेश के एक डीएम साहब काफी चर्चा में रहे. असल में वह एक योजना की समीक्षा बैठक कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने पाया कि बैंक अधिकारियों की लापरवाही की वजह से तमाम मामले लंबित है. इस पर नाराज डीएम साहब ने सभी बैंक अधिकारियों से हाथों हाथ मामले निपटाने के न केवल निर्देश दिए, बल्कि सभागार को बंद करने के भी आदेश दिए और कहा कि जब तक सभी लंबित मामलों का निस्तारण नहीं हो जाता, तब तक कोई भी अधिकारी घर नहीं जाएगा. इतना ही नहीं इन बैंक अधिकारियों के लिए बाद में रजाई-गद्दे भी मंगवाए गए, जिसके बाद यह घटना सुर्खियों में है, हालांकि अब उनका ट्रांसफर भी हो गया है.
तो आपको बता दें कि इस आईएएस अधिकारी का नाम इन्द्र विक्रम सिंह (IAS Indra Vikram Singh) हैं. वह दो दिन पहले तक गाजियाबाद के डीएम (DM Ghaziabad) रहे. अभी उनका तबादला सचिव कृषि, कृषि विपणन और कृषि विदेश व्यापार एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग में किया गया है.उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट niyuktionline.upsdc.gov.in पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक 15 जून 1969 को जन्मे इन्द्र विक्रम सिंह मूल रूप से फतेहपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने
फिलॉसफी से एमए तक की पढ़ाई की है. उसके बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी की और आखिरकार उन्होंने यूपीपीएससी पीसीएस (UPPSC PCS) की परीक्षा पास की. 18 जुलाई 1994 को वह पीसीएस अधिकारी बने. इस तरह उन्होंने प्रशासनिक सेवा में एंट्री ली. वह अलीगढ़ समेत कई जिलों की तहसीलों बतौर SDM तैनात रहे.
IAS Indra Vikram Singh Story: 2016 में बन गए आईएएस
इन्द्र विक्रम सिंह को वर्ष 2016 में आईएएस के पद पर प्रमोशन मिला, जिसके बाद से वह आईएएस अधिकारी बन गए. 2 जून 2016 को उन्हें आईएएस नियुक्त किया गया. सबसे पहले आईएएस अधिकारी के रूप में उनकी निुयक्ति म्युनिसपल कमिश्नर नगर निगम, आगरा में 5 अक्टूबर 2013 को हुई. जहां वह 25 अप्रैल 2017 तक रहे. इसके बाद उन्हें शामली का जिलाधिकारी बनाया गया. शामली के बाद वह कुछ समय के लिए लखनऊ में वेटिंग रहे. फिर नोएडा के एसीईओ रहे, फिर 12 जुलाई 2019 से लेकर 6 जनवरी 2022 तक वह शाहजहांपुर के कलेक्टर रहे. उसके बाद बलिया, अलीगढ़ के डीएम रहे. 29 जनवरी 2024 को उन्हें गाजियाबाद का जिलाधिकारी बनाया गया. यहां पर वह 17 जनवरी 2025 तक रहे. इसके बाद उनका तबादला लखनऊ कृषि विभाग में किया गया है.
तबादला से पहले आए थे चर्चा में
इन्द्र विक्रम सिंह अपने तबादले से ठीक एक दिन पहले गुरुवार को बतौर गाजियाबाद डीएम एक समीक्षा बैठक की थी. गाजियाबाद के विकास भवन के सभागार में शाम चार बजे मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना की समीक्षा बैठक में उन्हें अधिकारियों ने बताया कि लोन के 98 से अधिक मामले लंबित हैं, तो वह नाराज हो गए. मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि उन्होंने बैठक में आए बैंक अधिकारियों को सभागार से तब तक न जाने के निर्देश दिए, जब तक सभी मामलों का निस्तारण नहीं हो जाता. उन्होंने सभागार का दरवाजा भी बंद करा दिया. डीएम ने कहा कि यदि रात तक लंबित प्रकरण निस्तारित न हो सके तो यहीं पर रुककर बैंक अधिकारी मामलों का निस्तारण करें. इसके लिए उन्होंने लिए रजाई और गद्दे भी मंगवाए. डीएम की सख्ती के बाद 77 प्रकरणों का निस्तारण रात आठ बजे तक ही कर दिया गया.इस तरह यह मामला चर्चा में आ गया.
ये भी पढ़ें
Success Story: गांव की लड़की ने किया कमाल, सरकारी स्कूल से की पढ़ाई, बनी डिप्टी कलेक्टर
IIT Baba: होश उड़ा देगी आईआईटियन बाबा की कमाई, कनाडा में करते थे नौकरी!
First Published :
January 19, 2025, 10:14 IST