भरतपुर : राजस्थान के भरतपुर के जघीना गांव में वर्षों पुराने जमीनी विवाद के कारण हुए जघीना हत्याकांड ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं. इस विवाद ने गांव के दो परिवारों के बीच रंजिश को इतना बढ़ा दिया कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गोलीबारी कर दी थी. इस घटना के बाद से दोनों परिवारों के बीच तनाव बरकरार है. हत्याकांड में आरोपी कृपाल जघीना के बेटे भाई समेत परिवार के पुरुष सदस्य अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में सजा काट रहे हैं.
इसी बीच 22 नवंबर को कृपाल के पिता रामभरोसी सोगरवाल का लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया था इसके बाद परिवार में पुरुष सदस्य न होने के कारण चार दिनों तक रामभरोसी सोगरवाल का अंतिम संस्कार नहीं हो सका इसके बाद 26 नवंबर को कृपाल के भाई रविंद्र को पिता के अंतिम संस्कार के लिए एक दिन की पैरोल दी गई जेल से रिहा होने के बाद हथकड़ी में जकड़े रविंद्र को पुलिस की कड़ी निगरानी में भरतपुर के आरबीएम अस्पताल लाया गया, जहां रामभरोसी का शव मॉर्च्युरी में रखा था उसके बाद शव को दोपहर को परिवार को सौंपा गया.
इसके बाद रामभरोसी सोगरवाल शव जघिना गांव स्थित घर ले जाया गया. इस दौरान कृपाल के घर और गांव में भारी पुलिस बल तैनात रहा. इसके बाद दोपहर बाद जघीना के श्मशान घाट में रविंद्र ने अपने पिता को मुखाग्नि दी पुलिसकर्मियों ने चारों तरफ से उसे सुरक्षा के घेरे में रखा. इस मौके पर पुलिस की DST और QRT टीम भी मौजूद थी. परिवार ने कोर्ट में रविंद्र के लिए पैरोल की याचिका दायर की थी जिसे सोमवार को स्वीकृत किया गया, रविंद्र को मंगलवार सुबह अजमेर जेल से छोड़ा गया और कड़ी सुरक्षा के बीच भरतपुर लाया गया था. जघीना गांव में यह घटना वर्षों पुरानी रंजिश की एक और कड़ी बनकर सामने आई है.
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FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 08:10 IST