4 बहनों ने मिलकर संभाल लिया परिवार...महीने का कमाती हैं 45 हजार

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Agency:News18 Uttar Pradesh

Last Updated:February 02, 2025, 15:13 IST

Inspiring Story: उत्तर प्रदेश के नोएडा में 4 बहनों की खूब तारीफ हो रही है. उन्होंने अपने परिवार को संभाल लिया है. उनके पिता विकलांग हैं.

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बेवफा

बेवफा वडा पाव वाली

हाइलाइट्स

  • चार बहनों ने नोएडा में फूड कार्ट से परिवार संभाला.
  • 'बेवफा वड़ा पाव' कार्ट से रोजाना 1000-1500 रुपए कमाती हैं.
  • शाम 3 बजे से रात 9 बजे तक फूड कार्ट चलाती हैं.

Inspiring Story: कहते हैं कि अगर मेहनत और हौसला हो तो कोई भी मुश्किल रास्ता नहीं रोक सकता. ऐसा ही एक उदाहरण पेश कर रही हैं नोएडा में रही चार बहनें. वो अपने परिवार के संघर्षों से जूझते हुए आत्मनिर्भर बनने की राह पर हैं. नोएडा सेक्टर-37 बॉटनिकल गार्डन बस स्टैंड के पास इनकी फूड कार्ट ‘बेवफा वड़ा पाव’ रोज लगाती हैं. जहां से ये बहनें न केवल अपना घर चला रही हैं बल्कि अपनी पढ़ाई का खर्च भी खुद उठा रही हैं.

पिता विकलांग, मां घर में काम करती हैं
इन चार बहनों की जिंदगी आसान नहीं रही. परिवार झारखंड का मूल निवासी है और इनके पिता विकलांग हैं, जिससे वो कोई स्थायी काम नहीं कर सकते. मां घरों में काम करके परिवार की जरूरतें पूरी करने की कोशिश करती हैं. लेकिन उनकी सीमित कमाई से घर खर्च और चार बेटियों की पढ़ाई का खर्च निकालना मुश्किल हो जाता था. ऐसे में बेटियों ने हिम्मत दिखाई और बड़ा पाव बेचने का फैसला किया.

बेवफा वड़ा पाव’ नाम से फूड कार्ट
बहनों ने अपनी फूड कार्ट का नाम ‘बेवफा वड़ा पाव’ रखा, जो लोगों को आकर्षित करने का एक अनोखा तरीका है. इस कार्ट पर एक दिलचस्प ऑफर भी लिखा हुआ है – ‘प्यार में धोखा खाने वालों के लिए बड़ा पाव मात्र 20 रुपए में और प्रेमी जोड़ों के लिए 30 रुपए में.’ इस यूनिक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी ने राहगीरों और ग्राहकों का ध्यान खींचा, जिससे धीरे-धीरे इनके ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगी.

बारी-बारी से बहने संभालती हैं काम
इन चारों बहनों ने काम को अच्छे से बांट लिया है. हर दिन दो बहनें दुकान पर रहती हैं, जबकि बाकी दो अपनी पढ़ाई पर ध्यान देती हैं. और घर पर कार्ट के सामान बनवाने में हाथ बटाती है. वो अपने ग्राहकों को खास स्वाद वाला बड़ा पाव परोसती हैं, जिसकी चटनी और मसाले घर पर ही तैयार किए जाते हैं. उनकी मेहनत और लगन का नतीजा है कि वे रोजाना 1,000 से 1,500 रुपए तक कमा लेती हैं, जिससे घर का खर्च चल जाता है.

सबसे छोटी बहन लक्ष्मी मेहता कहती हैं, ‘जीवन में संघर्ष बहुत है, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. गरीब का कोई नहीं होता, जहां पैसा होता है वहीं सब पूछते हैं.’ वो और उनकी बहनें यह सुनिश्चित करना चाहती हैं, कि वे उच्च शिक्षा हासिल करें और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करें.

शाम 3 बजे से रात 9 बजे तक चलता है काम
‘बेवफा वड़ा पाव’ कार्ट हर दिन शाम 3 बजे से रात 9 बजे तक लगती है. धीरे-धीरे इनका काम अच्छा चलने लगा है, और लोग इनके संघर्ष को सराहते हुए इनके बड़ा पाव का स्वाद लेने जरूर आते हैं. लक्ष्मी ने बताया कि जो खाने आता है वो पैक भी कराकर ले जाता है क्योंकि उसे हमारा स्वाद पसंद आता है, इसके साथ ही हमने रेट भी बहुत किफायती रखें है ताकि हर कोई हमारे वड़ा पाव का स्वाद चख सके.

Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

February 02, 2025, 15:09 IST

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