4800 km दूर से महाकुंभ आए हजारों मांसाहारी पक्षी.. लेकिन यहां बन गए शाकाहारी

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Last Updated:January 22, 2025, 16:53 IST

Maha Kumbh Mela Siberian Birds : साइबेरियन बर्ड्स आमतौर पर जल में रहने वाले जीव जंतुओं को अपना शिकार बनाते हैं. लेकिन प्रयागराज महाकुंभ आने पर इनका झुंड एक जगह पर इकट्ठा हो जाता है. यही नहीं संगम में आकर साइबेर...और पढ़ें

4800 km दूर से महाकुंभ आए हजारों मांसाहारी पक्षी.. लेकिन यहां बन गए शाकाहारी

ये पक्षी 4800 किलोमीटर दूरी तय कर यहां प्रयागराज महाकुंभ पहुंचे हैं.

प्रयागराज : संगम की रेती पर महाकुंभ मेले में जहां बड़ी संख्या में देशी और विदेशी श्रद्धालु और पर्यटक पहुंच रहे हैं तो वहीं संगम तट पर सात समंदर पार कर पहुंचे हजारों विदेशी मेहमान भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. यह विदेशी मेहमान कोई और नहीं बल्कि हर साल सर्दियों के मौसम में सात समंदर पार कर यहां आने वाले साइबेरियन बर्ड्स हैं. साइबेरियन बर्ड्स के यहां पर आ जाने से संगम की खूबसूरती में भी चार चांद लग गए हैं. श्रद्धालु और पर्यटक जहां संगम में बोटिंग का लुत्फ उठा रहे हैं. तो वहीं कलरव करते इन साइबेरियन बर्ड्स को देखकर भी आनंद की अनुभूति कर रहे हैं. आइये जानते हैं डिटेल रिपोर्ट…

खास बात यह है कि यह साइबेरियन बर्ड्स आमतौर पर जल में रहने वाले जीव जंतुओं को अपना शिकार बनाते हैं. लेकिन यहां आने पर श्रद्धालु और पर्यटक भी उनकी खूब मेहमाननवाजी कर रहे हैं. लोग उन्हें नमकीन के दाने डालते हैं, जिससे इनका झुंड एक जगह पर इकट्ठा हो जाता है. यही नहीं संगम में आकर साइबेरियन बर्ड्स भी पूरी तरह से शाकाहारी हो जाते हैं. जिस तरह से महाकुंभ में धर्म और अध्यात्म की बयार बह रही है. उसमें यह विदेशी मेहमान भी रमे नजर आ रहे हैं.

हजारों मील की दूरी तय कर संगम तट पर पहुंचे साइबेरियन बर्ड्स संगम के प्राकृतिक सौंदर्य को और बढ़ा रहे हैं. साइबेरियन बर्ड्स की वजह से संगम तट पर पानी की सतह सफेद चादर सी ढंकी नजर आती है. पानी की सतह पर कलरव करते यह विदेशी मेहमान श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बरबस अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. श्रद्धालु और पर्यटक भी प्रकृति के अनुपम सौंदर्य को अपने कमरे में कैद करते हुए संगम तट पर नजर आ रहे हैं.

गौरतलब है कि विदेशी मेहमान सर्दियों में दो रास्ते से भारत में आते हैं. अगर साइबेरिया से सीधे भारत आते हैं, तो 4800 किलोमीटर दूरी तय कर यहां पहुंचते हैं. जबकि झुण्ड में घूमते हुए 14620 किलोमीटर की लम्बी दूरी तय करके भी साइबेरिया से भारत आते हैं. साइबेरिया से यूरोप के विभिन्न देशों से होते हुए साइबेरियन पक्षियों का समूह अफगानिस्तान, मंगोलिया पहुंचता है. यहीं से ये दो हिस्सों में बंट जाते हैं. साइबेरियन पक्षियों का एक समूह जहां चीन चला जाता है. वहीं दूसरा समूह तिब्बत के रास्ते भारत में प्रवेश कर जाता है.

भारत में साइबेरियन पक्षी राजस्थान के भरतपुर पक्षी विहार, भीरपुर, नरायणपुर कलान, देहरांव और प्रयागराज के संगम तट पर डेरा जमाते हैं. साइबेरियन पक्षी 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कई पड़ावों पर ठहरते हुए संगम पहुंचते हैं. सर्दियों में रुस के प्रान्त साइबेरिया में तापमान माइनस से 30 -40 डिग्री में पहुंच जाने पर ये विदेशी मेहमान हैबिटेट और ब्रीडिंग के लिए गर्म स्थानों की ओर रुख करते हैं. देश में साइबेरियन पक्षी अक्टूबर से मार्च तक का समय विभिन्न इलाकों में व्यतीत करते हैं.

Location :

Allahabad,Allahabad,Uttar Pradesh

First Published :

January 22, 2025, 16:51 IST

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