Agency:Local18
Last Updated:January 23, 2025, 10:17 IST
Banana Farming: बोटाद जिले में केले की खेती करने के इच्छुक किसानों के लिए कृषि विशेषज्ञ ने महत्वपूर्ण टिप्स बताए है. उन्होंने बताया है कि केले की खेती कैसे करें ताकि बंपर उत्पादन मिल सके.
बोटाद: जिले के किसान अब बागवानी खेती की ओर रुख कर रहे हैं. बागवानी खेती में खासकर केले की खेती में किसानों को अच्छा उत्पादन कैसे मिलेगा? इस पर जिले के जाने-माने कृषि विशेषज्ञ चेतनभाई माथुकिया ने किसानों को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया है. उन्होंने प्राकृतिक कृषि पद्धति से केले की खेती करने की विस्तृत जानकारी दी है. तो आइए जानते हैं कि केले की खेती कैसे की जा सकती है…
प्राकृतिक पद्धति से केले की खेती करने के लिए सबसे पहले बीजामृत से बीज की देखभाल करना जरूरी है. कंद के आकार के अनुसार गड्ढा खोदकर उसमें गोबर की खाद और घन जीवामृत का मिश्रण डालना चाहिए. इस मिश्रण को मिट्टी से दबाकर ऊपर से जीवामृत डालना चाहिए. केले के पौधों के बीच में चौला, मिर्च, प्याज जैसे अंतर फसलें और सहजन लगाने की भी सलाह दी गई है. सिंचाई की बात करें तो, केले की फसल में पहले तीन महीने तक हर क्यारी में पानी देना जरूरी है. इसके बाद केवल निर्धारित क्यारियों में ही पानी देना चाहिए. हर पंद्रह दिन में सिंचाई के पानी के साथ जीवामृत देना आवश्यक है.
8-12 फुट का अंतर रखना उचित
बता दें कि कृषि विशेषज्ञ चेतनभाई ने केले की प्राकृतिक खेती के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि यह खेती किसानों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित हो रही है. उन्होंने बताया कि केले की खेती के लिए 8-12 फुट का अंतर रखना उचित है. इसमें जरूरी दवाइयां और जीवामृत मिलाने से पौधों के विकास में मदद मिलती है. साथ ही अगर केले के पौधों में कपूर डाला जाए तो यह पौधों के लिए पोषक तत्वों का भंडार बन जाता है.
ऐसे उगाएं केले
कृषि विशेषज्ञ चेतनभाई ने बताया कि पौधों के विकास के दौरान पत्तियों की सही कटाई करना जरूरी है. इस प्राकृतिक पद्धति से उगाए गए केले मानव स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद होते हैं. प्राकृतिक खेती के माध्यम से हम पर्यावरण के अनुकूल और स्वास्थ्यप्रद खेती कर सकते हैं.
इस प्राकृतिक पद्धति को अपनाने से किसानों को कम खर्च में अधिक उत्पादन मिल सकता है, और साथ ही जमीन की उर्वरता भी बनी रहती है. ऐसी प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को अपनाकर हम आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं.
कितने अंतर पर करनी चाहिए बुवाई?
केले की बुवाई के लिए उचित अंतर रखना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. सामान्य किस्मों के लिए 8 x 4 फुट, 8 × 4.5 फुट, 8 × 8 फुट, या 12 × 12 फुट का अंतर रखना चाहिए. छोटी छाल वाली किस्मों के लिए 8 x 4 फुट, 9 × 4.5 फुट, या 4.5 × 4.5 फुट का अंतर उचित माना जाता है.
केले की खेती न केवल आर्थिक दृष्टि से, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है. केले में कैल्शियम, फॉस्फोरस, नाइट्रोजन, कार्बोहाइड्रेट्स, मिनरल्स और विटामिन्स जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं.
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स्वास्थ्य की दृष्टि से केले डायबिटीज, नेफ्राइटिस, गाउट, तनाव और हृदय रोग के मरीजों के लिए फायदेमंद हैं. इसमें मौजूद पेक्टिन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है. इसके अलावा केले शरीर की कोशिकाओं की संरचना और पुनर्जीवन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
First Published :
January 23, 2025, 10:17 IST
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