Last Updated:January 18, 2025, 13:27 IST
Bihar Politics: पटना के मौर्य होटल में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की मुलाकात हुई जिसके राजनीतिक संकेत निकाले जा रहे हैं. राजनीति के जानकार इस मुलाकात को बेहद अहम मानते हैं, क्योंकि हाल में ही कांग्रेस और राजद की दूरी बढ़ाने की बातें...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बीच पटना के होटल मौर्या में हुई मुलाकात.
- कांग्रेसके सांसद राहुल गांधी का होटल मौर्या में तेजस्वी यादव ने स्वागत किया.
- महागठबंधन में राजद-कांग्रेस में खटास की खबरों के बीच अहम मुलाकात.
पटना. बीते 9 जनवरी की वह बात… और आज तेजस्वी यादव की मुलाकात, बिहार ही नहीं देश की राजनीति के लिए भी एक अहम क्षण बनकर आया है. ऐसा इसलिए क्योंकि पटना के होटल मौर्य में तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की मुलाकात ने कई सारे सियासी सवालों और कयासबाजियों का जवाब मिलता नजर आ रहा है. इंडिया अलायंस के लोकसभा चुनाव के साथ ही समाप्त होने को लेकर तेजस्वी यादव के बयान के बाद कांग्रेस और आरजेडी के बीच कथित दूरी की बातों पर इन दोनों ही नेताओं की मीटिंग के बाद विराम लगने की उम्मीद की जा रही है. इसके न केवल प्रदेश स्तर की राजनीति बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के भी एक बड़ा संकेत है.
राजनीतिक के जानकार कहते हैं कि राहुल गांधी से पटना तेजस्वी यादव की मुलाकात से बिहार कांग्रेस और महागठबंधन की खींचतान में जहां कमी होगी वहीं, महागठबंधन की मजबूती दिखेगी. दरअसल, तेजस्वी यादव के इंडिया गठबंधन के लोकसभा चुनाव में खत्म होने की बात कहने के बाद कई कांग्रेसी नेताओं के बयान आए जिसमें यह कहा गया कि कांग्रेस राजद के सामने नहीं झुकेगी. खास तौर पर बिहार में सीट शेयरिंग के मुद्दे को लेकर कांग्रेस मुखर होती रही. आगामी विधानसभा चुनाव में सीटों की हिस्सेदारी को लेकर यह मामला और आगे बढ़ा और कांग्रेस ने कह दिया कि वह 70 सीटों से कम पर लड़ने का सोच ही नहीं रही. इसके बाद तो राजद की ओर से भी बयान आए और तल्खी बढ़ती हुई दिखी थी.
कांग्रेस-आरजेडी में खींचतान पर विराम
इस बीच दोनों ही पार्टियों (कांग्रेस-राजद) के बीच खींचतान की खबरें भी सामने आईं, लेकिन अब जब राहुल गांधी पटना आए और व्यस्त कार्यक्रम के बीच भी तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की मुलाकात हुई, तो कई सारी कयासबजियों का तोड़ यहां से निकलता हुआ दिखाई दिया. सीटों की हिस्सेदारी को लेकर महागठबंधन के दलों के बीच जो खींचतान है, उसका हल कर लिए जाने के संकेत यहां से निकले हैं. कांग्रेस और राजद का गठजोड़ आगामी चुनाव में रहेगा इस बात का भी इशारा मिल गया लगता है. ऐसे में दोनों ही दलों को संकेत है कि आपस में बयानबाजियों से बचा जाए और जनता के सामने एकजुटता दिखाई जाए.
महागठबंधन अटूट, हिस्सेदारी पर बाद में बात!
बता दें कि कांग्रेस इस बात पर आडिग है कि वह कम से कम 70 सीटों पर लड़ेगी. जबकि, आरजेडी इस बार अधिक हिस्सेदारी देने के लिए तैयार नहीं दिखती है. ऐसे में प्रदेश के स्तर पर दोनों पार्टियों के बीच खींचतान जारी है. इसको लेकर पेंच इसलिए भी है कि महागठबंधन में वाम दलों के सीपीआई एमएल, सीपीाई और सीपीएम के साथ ही मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी भी महागठबंधन के कुनबे में है. ऐसे में तेजस्वी यादव लगातार या कोशिश कर रहे हैं की सबसे ज्यादा राजद की हिस्सेदारी हो. वहीं कांग्रेस की दावेदारी भी बेहद महत्वपूर्ण है. ऐसे में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की मुलाकात से यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि ऊपरी लेवल के नेताओं में एक सहमति तो बनी हुई है कि महागठबंधन में कांग्रेस और राजद का गठबंधन अटूट रहेगा.
First Published :
January 18, 2025, 13:27 IST