Bank NPA : बैंकों के लिए राहत भरी खबर, पैसा डूबने की दर में आ रही है गिरावट

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Agency:IANS

Last Updated:January 24, 2025, 12:21 IST

Bank NPA-भारतीय बैंकों का NPA अनुपात मार्च 2025 तक 2.4% हो सकता है. फिच की रिपोर्ट के अनुसार, असुरक्षित ऋणों में तनाव बढ़ रहा है, जो वित्तीय स्थिरता के लिए चुनौती है.

 बैंकों के लिए राहत भरी खबर, पैसा डूबने की दर में आ रही है गिरावट

असुरक्षित खुदरा ऋण 1HFY25 में नए खराब खुदरा ऋणों का लगभग 52 प्रतिशत है.

नई दिल्ली. भारतीय बैंकों के सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) का अनुपात मार्च 2025 तक घटकर 2.4 फीसदी हो सकता है, जो मौजूदा स्तर से 0.4 फीसदी कम है. अगले वित्तीय वर्ष में इसमें और 0.2 फीसदी की गिरावट की संभावना जताई गई है. रेटिंग एजेंसी फिच की एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है. हालांकि, खुदरा ऋणों में तनाव, विशेष रूप से असुरक्षित क्रेडिट में, बढ़ रहा है. फिच की रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत आर्थिक वृद्धि, वसूली और राइट-ऑफ्स से गैर-निष्पादित ऋणों में वृद्धि की भरपाई हो सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में ऋण तनाव छोटे असुरक्षित व्यक्तिगत ऋणों में केंद्रित है, जिनका औसत आकार लगभग 51,000 रुपये से कम है.

बड़े भारतीय बैंकों का इन जोखिमपूर्ण ऋणों के प्रति कम जोखिम है. यह ऋण मुख्य रूप से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और फिनटेक कंपनियों द्वारा निम्न-आय वाले उधारकर्ताओं को दिए जाते हैं. हालांकि, बैंकों का अप्रत्यक्ष जोखिम गैर-बैंकों और फिनटेक कंपनियों को फंडिंग के जरिए बना रहता है.

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असुरक्षित ऋणों में बढ़ता तनाव
असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण और क्रेडिट कार्ड उधारी FY24 तक तीन वर्षों में क्रमशः 22 फीसदी और 25 फीसदी की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़े. हालांकि, FY25 की पहली छमाही (1HFY25) में इनकी वृद्धि क्रमशः 11 फीसदी और 18 फीसदी तक धीमी हो गई.

आरबीआई का पूर्वानुमान
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उम्मीद है कि FY25 में खराब ऋण अनुपात सबसे निचले स्तर पर पहुंच जाएगा. हालांकि, FY26 में यह बढ़कर 3 प्रतिशत तक जा सकता है. FY25 की पहली छमाही में खराब ऋण अनुपात 2.6 फीसदी था.

खुदरा ऋणों में हिस्सेदारी
रिपोर्ट के अनुसार, असुरक्षित खुदरा ऋण 1HFY25 में नए खराब खुदरा ऋणों का लगभग 52 प्रतिशत है. यह दर्शाता है कि निम्न-आय वाले उधारकर्ताओं के बीच क्रेडिट तनाव बढ़ रहा है. जून 2024 तक भारत का घरेलू ऋण, सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 42.9 प्रतिशत है, जो एशिया-प्रशांत के कई उभरते बाजारों की तुलना में कम है. हालांकि, असुरक्षित ऋणों में बढ़ता तनाव वित्तीय स्थिरता के लिए चुनौती बन सकता है. फिच ने यह भी कहा कि बैंकों को जोखिम प्रबंधन पर ध्यान देना होगा, खासकर असुरक्षित ऋणों के बढ़ते तनाव को देखते हुए.

Location :

New Delhi,New Delhi,Delhi

First Published :

January 24, 2025, 12:21 IST

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