नई दिल्ली. महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना (शिंदे) गुट में जबरदस्त रस्साकशी चल रही है. शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद लेने की जिद में किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. जबकि, 132 सीटें जीतने के बाद भी बीजेपी बैकफुट पर नजर आ रही है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति गठबंधन में शामिल एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें आईं हैं. महाराष्ट्र की 288 सीटों वाली विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 145 सीटों की जरूरत है. ऐसे में बीजेपी को 12 विधायकों की और जरूरत है. लेकिन, बीजेपी गठबंधन को बचाने की कोशिश में लगी हुई है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी की पॉलिटिक्स हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रही है. शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के दौर में भी बीजेपी की भूमिका महाराष्ट्र में छोटे भाई की ही रही है. बीजेपी महराष्ट्र में हमेशा से ही बैसाखी के सहारे ही पॉलिटिक्स करती रही है.
अटल-आडवाणी के दौर में भी शिवसेना महाराष्ट्र में बड़े भाई की भूमिका में ही रही है. साल 1995 में शिवसेना नेता मनोहर जोशी इस गठबंधन के पहले सीएम बने थे. उस सरकार में भी बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे डिप्टी सीएम बनकर छोटे भाई की भूमिके में थे. लेकिन, बीते 10-15 सालों से जब से भारतीय जनता पार्टी ने लीड रोल में आने की कोशिश की, गठबंधन में तनातनी आनी शुरू हो गई. इसके बावजूद दोनों का गठबंधन तकरीबन साल 2019 तक किसी तरह चलता रहा. लेकिन, सीएम पद की महत्वाकांक्षा ने 2019 में दोनों के रास्ते अलग कर दिए.
एकनाथ शिंदे क्यों मांग रहे हैं सीएम का पद?
आपको बता दें कि साल 2019 के महाराष्ट्र चुनाव में शिवसेना और बीजेपी गठबंधन साथ-साथ चुनाव लड़ी, लेकिन सीएम पद को लेकर दोनों में तनातनी हुई और उद्धव ने गठबंधन तोड़कर एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट में सरकार बना ली. लेकिन, साल 2022 में शिवसेना में टूट हुई और उद्धव को इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद से शिवसेना के एकनाथ शिंदे सीएम बने हुए हैं. इस चुनाव में भी महायुति गठबंधन की जीत हुई है. लेकिन, एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे वाला जिद शुरू कर दिया है. एकनाथ शिंदे कम सीट लाने के बाद भी सीएम पद लेना चाह रहे हैं.
शिवसेना की जमीन पर बीजेपी आगे बढ़ी?
महाराष्ट्र की राजनीति को करीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार कहते हैं, ‘देखिए बीजेपी जिस मकसद से शिवसेना में टूट कराई थी, वही चुनौती को एक बार फिर से बीजेपी के दरवाजे पर खड़ी है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि यह आसान नहीं होने वाला है. बीजेपी के सामने दूसरा उद्धव खड़ा हो गया है. अब इस उद्धव से बीजेपी कैसे पार पाएगी? बीजेपी चाहे तो एकनाथ शिंदे को भी साइडलाइन कर सकती है. लेकिन, महाराष्ट्र में बीजेपी की पॉलिटिक्स के नजरिये से ये आत्मघाती फैसला होगा. इसलिए बीजेपी को एकनाथ शिंदे को मनाना ही होगा.’
आपको बता दें महाराष्ट्र में बीजेपी को शिवसेना प्रमुख बालासाहेब उस समय साथ दिया था, जब बीजेपी के साथ कोई पार्टी गठबंधन नहीं करना चाहती थी. उस समय शिवसेना के संस्थापक बालसाहेब ठाकरे ने बीजेपी को न केवल महाराष्ट्र में बल्कि देश में समर्थन किया. कहा जाता है कि बीजेपी ने महाराष्ट्र में ठाकरे की बनी बनाई हिदुत्व की जमीन पर ही अपनी राजनीति शुरू की और महाराष्ट्र में अपने पैर जमाए. लेकिन बाद में आत्मनिर्भर बनने के चक्कर में दोनों के रिश्तों में दूरी आ गई. हालांकि, महाराष्ट्र में बीते 40 साल के बाद बीजेपी ने 133 सीटें जीती है. इससे पहले बीजेपी ने महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 122 सीटें साल 2014 के चुनाव में जीती थी.
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FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 15:06 IST