Last Updated:January 20, 2025, 17:06 IST
Income taxation caller measure : भारत सरकार एक इनकम टैक्स बिल पेश करने की योजना बना रही है, जो मौजूदा कानून को सरल, पारदर्शी और अधिक प्रभावी बनाएगा. यह विधेयक आयकर अधिनियम 1961 को बदलने के लिए तैयार किया जा रहा है और इसमें जनता...और पढ़ें
Income taxation caller measure : एक तो कमाई पर टैक्स, ऊपर से टैक्स को लेकर प्लानिंग. टैक्सपेयर के लिए दोनों ही सिरदर्द देने वाले काम हैं. यह बात सरकार भी अच्छे से जानती है. यही वजह है कि भारत सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम (New taxation regime) पेश किया, जिससे कि टैक्सपेयर को कम से कम टैक्स बचाने की प्लानिंग न करनी पड़ी. अब एक खबर निकलकर आ रही है कि सरकार आने वाले बजट में एक नया इनकम टैक्स बिल पेश कर सकती है. इस बिल का मकसद टैक्स से जुड़े कानूनों को सरल बनाना और वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों संग समन्वय बनाना होगा.
बजट 2025 आने में अब केवल गिनती के दिन बचे हैं. अर्थजगत के एक्सपर्ट तरह-तरह की अटकलें लगा रहे हैं. पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आगामी बजट सेशन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक नया आयकर विधेयक पेश कर सकती हैं. यह विधेयक 1961 के आयकर अधिनियम को बदलने का काम करेगा, जो लगभग 63 साल पुराना है. रिपोर्ट के अनुसार, सरकार इस विधेयक का आकार 60 तक छोटा करके इसे ज्यादा संक्षिप्त और प्रभावी बनाना चाहती है.
सरकार इस विधेयक को सीधे संसद में पेश करेगी, जहां इसे अंतिम रूप देने से पहले करदाताओं, विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों की राय शामिल की जाएगी. वर्तमान कानून की तुलना में नया बिल अधिक पारदर्शी, विवाद मुक्त और आसानी से समझने योग्य होगा. इसका उद्देश्य न केवल करदाताओं की शिकायतें कम करना है, बल्कि अनुपालन प्रक्रिया को भी सरल बनाना है.
आयकर विभाग ने मांगे सुझाव
इस विधेयक को तैयार करने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक आंतरिक समिति बनाई है, जो पूरे संशोधन प्रक्रिया की निगरानी करेगी. इसके अलावा, आयकर अधिनियम के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के लिए 22 उप-समितियां गठित की गई हैं.
आयकर विभाग ने नए विधेयक को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए जनता से भी सुझाव मांगे हैं. भाषा को सरल बनाने, विवादों को कम करने, अनुपालन को आसान बनाने और पुराने प्रावधानों को हटाने के सुझावों पर जोर दिया गया है. अब तक, विभाग को 6,500 से अधिक सुझाव प्राप्त हो चुके हैं, जिन्हें नए कानून में शामिल किया जा सकता है.
विशेषज्ञ समिति वर्तमान कानून को दो या तीन हिस्सों में विभाजित करने पर विचार कर रही है, जिससे हर वर्ग के करदाता इसे आसानी से समझ सकें. इसके जरिए न केवल जटिलताओं को कम किया जाएगा, बल्कि विवादों में भी कमी आएगी.
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
January 20, 2025, 17:06 IST