Originally Fact Checked by PTI: सोशल मीडिया पर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की एक पुरानी तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें उन्हें एक नदी में स्नान करते हुए दिखाया गया है। यूजर्स का दावा है कि यह तस्वीर 1938 में प्रयागराज (तत्कालीन इलाहाबाद) में आयोजित कुंभ मेले के दौरान की है।
पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क की जांच में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ। जांच में पता चला कि जवाहरलाल नेहरू की यह तस्वीर कुंभ स्नान की नहीं, बल्कि 1938 में इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में उनकी मां की अस्थियां विसर्जित करने के दौरान की है। जांच में यह भी पता चला कि वर्ष 1938 में कुंभ मेला इलाहाबाद में नहीं बल्कि उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित हुआ था।
हाल ही में, मध्य प्रदेश के महू में एक जनसभा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महाकुंभ को लेकर टिप्पणी की थी, जिसके बाद सोशल मीडिया पर यह तस्वीर वायरल होने लगी।
दावा
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर ‘Divyansh Kala’ नामक यूजर ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा 28 जनवरी 2025 को किए गए एक पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए लिखा, “खरगे जी, मुझे लगता है कि पंडित नेहरू 1938 के कुंभ के दौरान पवित्र संगम में डुबकी लगाकर देश से गरीबी हटाने की कोशिश कर रहे थे। फोटो आनंद भवन, प्रयागराज में उपलब्ध है!” पोस्ट का लिंक, आर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।
फैक्ट चेक
सोशल मीडिया पर एक अन्य यूजर ने लिखा, “हां, ये नेहरू जी ही हैं...महाकुंभ में डुबकी नेहरू जी भी लगाते थे। तस्वीर भी खिंचवाते थे। वे भी नेता ही थे और सबसे बड़े नेता भी थे लेकिन कभी किसी ने उनकी डुबकी पर सवाल नहीं उठाए। गरीबी दूर करने के लिए तो परिश्रम ही करना पड़ता है। महाकुंभ में जाना और गंगा जी में डुबकी लगाना आस्था का विषय है और इसे उसी तरह लेना चाहिए। उन्हीं नेहरू जी की पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आज महाकुंभ में स्नान पर सवाल उठा रहे हैं और पूछ रहे हैं कि इससे गरीबी दूर होगी क्या? जो आस्था नेहरू जी की थी, वही आस्था मेरी भी है। और मेरी आस्था पर सवाल उठाने और अनर्गल-वाहियात टिप्पणी करने वालों का विरोध मैं हमेशा करूंगा। मुझे इस बात कि कोई परवाह नहीं है कि मुझे कौन, क्या समझता है और क्या कहता है।” पोस्ट का लिंक, आर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।
फैक्ट चेक
पड़ताल
दावे की पुष्टि के लिए डेस्क ने वायरल पोस्ट के कमेंट को ध्यान से देखा। इसमें कुछ यूजर्स ने बताया कि यह तस्वीर कुंभ की नहीं बल्कि 1938 की है, जब जवाहरलाल नेहरू अपनी मां की अस्थियां विसर्जित करने इलाहाबाद पहुंचे थे। स्क्रीनशॉट यहां देखें।
फैक्ट चेक
प्राप्त जानकारी के आधार पर, डेस्क ने संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें 5 मार्च, 2006 को ‘इंडिया टुडे’ की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इसमें जवाहरलाल नेहरू की कई तस्वीरों का संग्रह था, जिसमें वायरल तस्वीर भी शामिल थी।
इस रिपोर्ट में भी यह बताया गया कि वायरल तस्वीर उस वक्त की है, जब जवाहरलाल नेहरू अपनी मां की अस्थियों को विसर्जित करने इलाहाबाद पहुंचे थे। पोस्ट का लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।
फैक्ट चेक
पड़ताल की अगली कड़ी में हमें ‘Reckon Talk’ नामक वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में वायरल तस्वीर मिली। रिपोर्ट का शीर्षक था, "बलिदान की भूमि इलाहाबाद की 15 दुर्लभ और पुरानी तस्वीरें | भाग II"।
वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, “नेहरू की यह तस्वीर इलाहबाद (वर्तमान में प्रयागराज) में अपनी मां की अस्थियां विसर्जित करने के बाद की है।” रिपोर्ट का लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।
फैक्ट चेक
वर्ष 1938 में में महाकुंभ मेले का आयोजन उत्तराखंड के हरिद्वार में हुआ था। उसी साल जवाहरलाल नेहरू अपनी मां की अस्थियों को विसर्जित करने इलाहाबाद पहुंचे थे और उन्होंने संगम में डुबकी भी लगाई थी। इससे जुड़ी रिपोर्ट्स यहां, यहां और यहां क्लिक करके पढ़ें।
पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क की अब तक की जांच से यह साफ है कि वायरल तस्वीर कुंभ स्नान की नहीं बल्कि 1938 में जवाहरलाल नेहरू की मां के अस्थियों विसर्जन के दौरान की है। इस तस्वीर को गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
दावा
जवाहरलाल नेहरू 1938 मे इलाहाबाद कुंभ में गंगा स्नान के लिए पहुंचे थे।
तथ्य
पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क की जांच में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ।
निष्कर्ष
वायरल तस्वीर कुंभ स्नान की नहीं बल्कि 1938 में जवाहरलाल नेहरू की मां के अस्थियों विसर्जन के दौरान की है। इस तस्वीर को गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
(Disclaimer: यह फैक्ट चेक मूल रूप से PTI News द्वारा किया गया है, जिसे Shakti Collective की मदद से India TV ने पुन: प्रकाशित किया है)