Ratha Saptami Date: हिंदू धर्म में रथ सप्तमी का दिन का विशेष महत्व है। इसे माघ सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन सूर्य देव का अवतरण हुआ था, इस कारण इस दिन लोग भगवान सूर्य की आराधना करते हैं। यह पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष के सातवें दिन पड़ता है। इस दिन साधक उपवास रखते हैं और उगते सूर्य को जल अर्पित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि सूर्य देव के पूजन से जातक के पापों का नाश होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए इस दिन से जुड़े कुछ उपाय जानते हैं...
कब है शुभ मुहूर्त?
हिंदू पंचांग के मुताबिक, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 04 फरवरी को सुबह 04.37 बजे होगी। वहीं, अगले दिन 05 फरवरी को देर रात 02.30 बजे पर तिथि का समापन होगा। चूंकि सनातन धर्म में उदया तिथि को महत्व देते हैं, ऐसे में 04 फरवरी को रथ सप्तमी मनाई जाएगी। इस दिन स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 05.23 बजे से लेकर 07.08 बजे तक तिथि रहेगी।
प्रात: काल में सूर्य को अर्घ्य दें
रथ सप्तमी के दिन उगते समय ही भगवान सूर्य को जल जरूर अर्पित करना चाहिए, इस कारण जातक सुबह जल्दी उठें और स्नान कर सूर्य को अर्घ्य दें। याद रहे कि अर्घ्य देना वाला पात्र तांबे का हो। जल में लाल चंदन, चावल, लाल-फूल और कुश आदि डालें। इसके बाद ही सूर्य देव को मंत्रों के साथ जल अर्पित करें। इससे जातक को अपार धन और यश की प्राप्ति होगी।
दान करें ये चीजें
रथ सप्तमी पर सूर्य देव की विधि-विधान से पूजा करें, साथ ही उपवास रखें। इसके अलावा जातक को तांबे का बर्तन, लाल वस्त्र, गेहूं, माणिक्य, लाल चंदन, लाल रंग की चीजें दान करें
मंत्रों का जप करें
रथ सप्तमी के दिन सूर्य को अर्घ्य देते समय जातक को सूर्य मंत्र का जप करना चाहिए। नीचें कुछ मंत्र बता जा रहे हैं...
- ऊँ आदित्याय विदमहे प्रभाकराय धीमहितन्न: सूर्य प्रचोदयात्।।
- ऊँ सप्ततुरंगाय विद्महे सहस्त्रकिरणाय धीमहि तन्नो रवि: प्रचोदयात्।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)