राहुल विजयवर्गीय, राजगढ़. मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले से दर्दनाक खबर है. यहां एक बच्ची ने कलेक्टर को पत्र लिखकर दिल का दर्द बयां किया है. बच्ची ने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि वह बीमार है. उसका परिवार गरीब है. पिता का इतना वेतन नहीं कि वे उसका इलाज करा सकें. बच्ची ने लिखा है कि उसे इंसुलिन की जरूरत पड़ती है. पापा इसका इंतजाम कहां से करें. बच्ची ने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि उसके इलाज की व्यवस्था की जाए. वह अपनी गुहार लेकर प्रशासन की जनसुनवाई में पैदल जाएगी.
गौरतलब है कि बच्ची का नाम निहारिका है. वह 5वीं क्लास में पढ़ती है. वह शुगर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है. उसने कलेक्टर को पत्र में लिखा है, ‘अंकल इंसुलिन ही मेरे लिए ऑक्सीजन हे, लेकिन पापा कहां से लाएं? पापा की तनख्वाह साढ़े आठ हजार है, जबकि मेरी दवाइयों का खर्चा ही पांच हजार हो जाता है. ऐसे मे कई बार पैसे की कमी के कारण मैं इंसुलिन नहीं लगवा पाती. मुझे शुगर कंट्रोल करने दिन में चार बार इंसुलिन लगानी पड़ती है. अगली बार पापा के पैसे बचाने मैं खुद जनसुनवाई में पैदल जाऊंगी. मुझे पैसे नहीं चाहिए, बस हर महीने इंसुलिन लगवा दें.’
पिता ने बताई मजबूरी
बता दें, निहारिका के पिता अस्पताल में अस्थायी कर्मचारी हैं. बच्ची के पिता News18 से बात करते-करते भावुक हो गए. उन्होंने रोते हुए कहा कि मैं पांच महीने से अस्पताल, एसडीएम को आवेदन देकर परेशान हो चुका हूं. मेरी दो और बेटियां हैं. इस वजह से मैं जी रहां हूं, नहीं तो कबका खुदखुशी कर लेता. उन्होंने कहा कि पहले अस्पताल में आवेदन दिया तो उन्होंने इस आवेदन को एसडीएम को भेज दिया. फिर एसडीएम के पास से आवेदन महिला बाल विकास के पास गया. वहां से पटवारी के पास गया. पटवारी ने कहा कि वे इस बात सर्वे करेंगे. फिर 6 माह बाद आज जनसुनवाई में पहुंचे तो कहा गया कि दस हजार रुपये देंगे. लेकिन, ये दस हजार काफी नहीं हैं. क्योंकि हर महीने पांच हजार रुपये का खर्च आता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 16:23 IST