अखिलेश यादव ने संसद में जिन स्‍कूलों का लिया नाम, उनमें कैसे होता है एडमिशन?

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Last Updated:February 04, 2025, 14:05 IST

Sainik School, Military School: सपा सांसद अखिलेश यादव ने अपने भाषण के दौरान सैनिक स्‍कूल और मिलिट्री स्‍कूलों का जिक्र किया. इस दौरान उन्‍होंने सांसदों से यह भी कहा कि दोनों के बीच अंतर है, कंफ्यूज मत होना. तो ...और पढ़ें

अखिलेश यादव ने संसद में जिन स्‍कूलों का लिया नाम, उनमें कैसे होता है एडमिशन?

Military School Admission, Sainik School: सैनिक स्‍कूल और मिलिट्री स्‍कूल में क्‍या अंतर है?

हाइलाइट्स

  • सैनिक स्कूलों में कक्षा 6 और 9 में एडमिशन होता है.
  • अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा से एडमिशन होता है.
  • मिलिट्री स्कूलों में भी कक्षा 6 और 9 में एडमिशन होता है.

Difference Between Sainik-Military School : संसद में बजट सेशन के बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा चल रही है. इसी बीच समाजवादी पार्टी के सांसद व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने दो स्कूलों की चर्चा की. उन्होंने सांसदों को सैनिक स्कूल (Sainik School) और मिलिट्री स्कूल (Military School) के बीच का अंतर भी समझाया. सही मायनों में देखा जाए तो सैनिक स्कूल और मिलिट्री स्कूल के बीच के फर्क को काफी कम ही लोग समझ पाते हैं. ऐसे में इन दोनों स्कूलों के बीच का अंतर आप भी जान लीजिए.

Akhilesh Yadav connected Sainik School-Military School: संसद में क्या बोले अखिलेश यादव?
संसद में अखिलेश यादव ने भी यही बात दोहराई. अखिलेश अपने भाषण के दौरान केंद्र सरकार पर पिछले 10 सालों में एक भी मिलिट्री स्कूल न खोलने का आरोप लगा रहे थे. इसी दौरान उन्होंने कहा कि सैनिक स्कूल और मिलिट्री स्कूल में कंफ्यूज मत होना. असल में सैनिक स्कूल और मिलिट्री स्कूल दोनों स्कूलों के नाम एक जैसे लगते हैं, जिससे अक्सर लोग कंफ्यूज हो जाते हैं. आपको बता दें कि सैनिक स्कूलों की शुरुआत 1961 में हुई थी. वर्तमान में देशभर में 33 सैनिक स्कूल हैं. हाल ही में देश में 100 नए सैनिक स्कूल खोलने की बात कही गई है. सैनिक स्कूलों में कक्षा 6 और कक्षा 9 में एडमिशन होते हैं.

Sainik School Admission 2025: कैसे होता है सैनिक स्कूल में एडमिशन?
देशभर के सैनिक स्कूलों में एडमिशन अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा (AISSEE) के माध्यम से कराया जाता है. कक्षा 6 में एडमिशन के लिए 300 अंकों की प्रवेश परीक्षा होती है, जबकि 9वीं में दाखिले के लिए 400 अंकों की परीक्षा होती है. इस परीक्षा में सफल उम्मीदवारों के मेडिकल टेस्ट होते हैं, तब एडमिशन दिया जाता है. कक्षा 6 में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 10 से 12 साल के बीच होनी चाहिए, जबकि 9वीं में एडमिशन के लिए उम्र 13 साल होनी चाहिए. सैनिक स्कूलों की 25% सीटें डिफेंस सेक्टर में काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के बच्चों के लिए आरक्षित रहती हैं. सैनिक स्कूलों की फीस भी काफी कम होती है. सामान्य व ओबीसी कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए फीस 800 रुपये होती है. एससी/एसटी कैटेगरी के छात्रों के लिए यह फीस महज 650 रुपये होती है.

Military School Admission: क्या होते हैं मिलिट्री स्कूल और कैसे होता है एडमिशन?
सैनिक स्कूलों की तरह ही देश में मिलिट्री स्कूल भी होते हैं, जिन्हें अब ‘राष्ट्रीय सैन्य स्कूल’ के नाम से जाना जाता है. इन स्कूलों की स्थापना वर्ष 1925 में ब्रिटिश शासन के दौरान की गई थी. वर्तमान में इन्हें रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाता है. मिलिट्री स्कूलों में भी कक्षा 6 और कक्षा 9 में एडमिशन के लिए नेशनल लेवल पर लिखित परीक्षा होती है. कक्षा 6 में एडमिशन के लिए बच्चों की उम्र 10 से 12 साल के बीच होनी चाहिए, जबकि 9वीं में एडमिशन के लिए उम्र 13 से 15 साल के बीच होनी चाहिए. मिलिट्री स्कूलों में कक्षा 6 से 8 तक लड़के और लड़कियों दोनों के एडमिशन होते हैं हालांकि, कक्षा 9 में सिर्फ लड़कों को ही एडमिशन मिलता है. देश में कुल 5 राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल हैं। इन स्कूलों में भारतीय सशस्त्र बलों के लिए योग्य व प्रशिक्षित जवान तैयार किए जाते हैं.

First Published :

February 04, 2025, 14:02 IST

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