अजमेरः राजस्थान के अजमेर में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को भगवान संकटमोचन का मंदिर बताने के वाले केस में बुधवार दोपहर को सुनवाई होगी. अजमेर सिविल कोर्ट में हो रही इस सुनवाई में यह तय किया जाना है कि यह वाद जारी रखा जाए या नहीं. मामले को लेकर हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कोर्ट के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत किए थे. ऐसे में अब कोर्ट आज सभी साक्ष्यों पर विचार कर यह तय करेगा की क्या इस याचिका पर सुनवाई की जा सकती है?
ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह के शिव मंदिर होने के दावे वाले केस में मंगलवार को सुनवाई हुई थी. हिंदू सेना की तरफ से दरगाह की जगह भगवान शिव का मंदिर होने का दावा किया गया था, जिसमें एक खास किताब को साक्ष्य के तौर पर पेश किया गया. 1910 में पब्लिश हुई किताब में यह दावा किया गया है कि वहां हिंदू मंदिर था. बताया गया कि 1910 में हर विलास शरदा की पुस्तक आई थी जिसमें भी इसके प्रमाण मिले हैं. ऐसे में कोर्ट ने मामले की सुनवाई पर 27 नवंबर को फैसला करने की बात की थी.
मीडिया से बातचीत करते हुए हिंदू पक्ष के विष्णु गुप्ता ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि 27 नवंबर को 11:00 बजे इस मामले में उनके पक्ष में फैसला आएगा. दरगाह के पक्षकारों को नोटिस जारी कर सर्वे की मांग पूरी होगी. इसके बाद सभी के सामने स्थिति स्पष्ट होगी, लेकिन अब कल न्यायालय तय करेगा कि यह बात चलने लायक है या नहीं इसे लेकर तैयारी की जा रही है.
बता दें कि, हाल ही में उत्तर प्रदेश के संभल की शाही जामा मस्जिद मामले में सर्वे के आदेश दिए गए थे, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी थी. ऐसे में अब यदि अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज दरगार का केस आगे बढ़ता है, तो मामले में जांच हो सकती है. क्योंकि हिंदू पक्ष की तरफ से एएसआई सर्वे की मांग की गई है.
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FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 08:07 IST