अजमेर दरगाह में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया वंसत, जानें कैसे हुई इसकी शुरुआत

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Agency:News18 Rajasthan

Last Updated:February 05, 2025, 13:10 IST

हजरत निज़ामुद्दीन औलिया अपने भांजे तकीउद्दीन नूह के इंतकाल के बाद अत्यंत दुखी रहने लगे थे. उसके बाद अमीर खुसरो ने उन्हें उदास देखकर उनके प्रिय शिष्य हजरत अमीर खुसरो ने एक खास गीत और शब्दों के जरिए बसंत पेश की.

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दरगाह में हर्षोल्लास के साथ  मनाया गया वसंत का त्योहार 

हाइलाइट्स

  • अजमेर दरगाह में वसंत पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया.
  • शाही कव्वालों ने सूफियाना संगीत और गीत गाए.
  • वसंत मनाने की परंपरा सदियों पुरानी है.

अजमेर. राजस्थान के अजमेर में स्थित विश्व विख्यात ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हर साल मनाया जाने वाला पारंपरिक वसंत का त्योहार मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर दरगाह के शाही चौकी के लोगों ने परंपरा अनुसार वसंत को पेश किया. बसंत जुलूस बुलंद दरवाजा और शाहजहांनी गेट होते हुए अहाता-ए-नूर पहुंचा. यहां से शाही कव्वाल आस्ताना शरीफ ने ख्वाजा गरीब नवाज की मजार शरीफ पर फूलों का गुलदस्ता चढ़ाया. इस दौरान पूरे परिसर में सूफियाना संगीत और इबादत का माहौल रहा.

बसंत की रस्म को पूरी श्रद्धा और परंपरा के साथ निभाया गया. इस अवसर पर दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन अली के बेटे सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती मौजूद रहे. शाही कव्वाल और उनके साथियों ने पीले फूलों का गुलदस्ता हाथ में लेकर, ‘क्या खुशी और ऐश का सामान लाती है वसंत’, ‘ख्वाजा मोइनुद्दीन के घर आज आती है वसंत’ जैसे गीत गाए.

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इस वजह से शुरू हुई यह परंपरा
अजमेर दरगाह प्रमुख के उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने बताया कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में बसंत मनाने की परंपरा सदियों पुरानी है. उन्होंने आगे बताया कि हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया अपने भांजे तकीउद्दीन नूह के इंतकाल के बाद अत्यंत दुखी रहने लगे थे. उसके बाद अमीर खुसरो ने उन्हें उदास देखकर उनके प्रिय शिष्य हजरत अमीर खुसरो ने एक खास गीत और शब्दों के जरिए बसंत पेश की. उन्हें पीले फूल भेंट किए और खुशी का माहौल बनाने की कोशिश की. इसके बाद से ही सूफी संतों की दरगाहों पर बसंत पेश करने की परंपरा शुरू हो गई, जो आज भी उसी श्रद्धा और उत्साह के साथ निभाई जाती है.

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Ajmer,Ajmer,Rajasthan

First Published :

February 05, 2025, 13:10 IST

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अजमेर दरगाह में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया वंसत, जानें कैसे हुई इसकी शुरुआत

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