Last Updated:January 19, 2025, 16:46 IST
Rupee vs Dollar- मजबूत डॉलर और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी के कारण 2024 में रुपये में करीब 3% की गिरावट आई.
नई दिल्ली. वित्तीय परामर्श कंपनी डेलॉयट की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार का मानना है कि भारतीय रुपया आगामी सप्ताहों में कुछ स्थिरता दिखा सकता है और 85 से 86 प्रति डॉलर के बीच रह सकता है. उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) घरेलू मुद्रा को स्थिर बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. मजूमदार ने स्पष्ट किया कि आरबीआई के हस्तक्षेप और रुपये की अन्य मुद्राओं की तुलना में अधिक स्थिरता के बावजूद, अब यह 83 प्रति डॉलर के स्तर पर लौटने की संभावना नहीं है. पिछले सप्ताह रुपया गिरकर 86.70 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया था. इसका मुख्य कारण विदेशी कोषों की निकासी और घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट रहा, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई.
गत 13 जनवरी को रुपये में करीब दो साल में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी. उस दिन रुपया 66 पैसे टूटकर 86.70 प्रति डॉलर के ऐतिहासिक निचले स्तर पर बंद हुआ. इससे पहले 6 फरवरी 2023 को रुपये में 68 पैसे की गिरावट आई थी. मजबूत डॉलर और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी के कारण 2024 में रुपये में करीब 3% की गिरावट आई. वहीं, 2025 में अब तक घरेलू मुद्रा में 1% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है. शुक्रवार को रुपया 86.60 प्रति डॉलर पर बंद हुआ.
आने वाले समय में स्थिरता की उम्मीद
मजूमदार ने कहा, “मुझे पूरा भरोसा है कि छह महीने पहले रुपया भले ही 83-84 के स्तर पर था, लेकिन अब यह 85-86 प्रति डॉलर के स्तर पर स्थिर रहेगा.” विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई की नीतियों और बाजार की गतिविधियों पर निवेशकों को नजर बनाए रखनी चाहिए.
लगातार गिर रहा है रुपया
भारतीय रुपये की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है, जो कि पिछले कई वर्षों से जारी है. 2014 में एक डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 60 रुपये थी, जो अब 86.60 रुपये हो चुका है. अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने के कारण रुपये पर दबाव बढ़ा है. डॉलर इंडेक्स, जो कि छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाता है, 109.01 पर पहुंच गया है.
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
January 19, 2025, 16:46 IST