दीपक पांडेय/खरगोन. बच्चो में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने और बोर्ड परीक्षाओं में बेहतर रिजल्ट के लिए खरगोन के एजुकेशन सिस्टम में एक बड़ा बदलाव किया गया है. अब यहां के सरकारी स्कूलों के बच्चों की ई-क्लास लगाई जा रही है. इस बदलाव के जरिए जिला मुख्यालय पर एक जगह बैठकर 18 विषय विशेषज्ञ जिले की 63 सरकारी स्कूलों के करीब 5 हजार बच्चों को एक साथ ऑनलाइन पढ़ा रहे है. अधिकारियों के मुताबिक, ऐसा करने वाला खरगोन, मध्य प्रदेश का पहला जिला बन चुका है, जहां सरकारी स्कूलों में ई क्लास संचालित हो रही है.
दरअसल, जनजातीय कार्य विभाग द्वारा खरगोन की देवी अहिल्या उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक 01 को जिले का केंद्र बनकर ई-क्लास शुरू की है. यहां अलग-अलग समय में विभिन्न विषयों के 18 विषय विशेषज्ञ पढ़ाते है, जिसका सीधा प्रसारण जिले की 63 हाई स्कूल (10वीं) एवं हाई सेकेंडरी (12वीं) स्कूलों में लगी LED टीवी पर सीधा प्रसारण किया जाता है.
ई-क्लास में 18 शिक्षक पढ़ाते है 9 विषय
विभाग के सहायक संचालित अवध बिहारी गुप्ता ई क्लास के नोडल अधिकारी ने बताया कि ई-क्लास शुरू करने के लिए जिले भर से ऐसे शिक्षकों का चयन किया, जो अपने विषय में पारंगत हो. अब यें शिक्षक रोजाना एक ही समय पर अलग-अलग विषय पढ़ाते है. इनमें कक्षा दसवीं के चार विषय – गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी और कक्षा 12 वीं के 5 विषय – भौतिक, रसायन, गणित, जीव विज्ञान और अंग्रेजी शामिल है. प्रत्येक विषय के लिए दो शिक्षक उपलब्ध है.
इस समय लगती है ई-क्लास
क्लास का समय निर्धारित है. कक्षा 10वीं की ई-क्लास दोपहर 12 से 12.50 बजे तक और कक्षा 12वीं की क्लास दोपहर 1.30 से 2.10 बजे के बीच लगती है. क्लास खत्म होने से पहले आखरी के 10 मिनट के विद्यार्थियों को सवाल पूछने के लिए दिए जाते है. ताकि बच्चें अपने डाउट्स क्लियर कर सकें. खास बात यें है कि 40 मिनट की क्लास में शिक्षक सप्ताह भर का कोर्स पढ़ा देते है.
स्मार्ट टीवी ने काम को बनाया आसान
सहायत आयुक्त प्रशांत आर्या के अनुसार, इस अनूठी पहल के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया. ताकि पहल सार्थक हो सके और ई क्लास के जरिए बच्चे विशेषज्ञों से विषय से सम्बंधित सिलेबस को बेहतर ढंग से समझ सके और परीक्षा परिणाम सुधार आ सके. यह काम मुश्किल भरा था पर सभी स्कूलों में स्मार्ट टीवी होने से आसान हो गया. शिक्षकों द्वारा चलाई जा रही ई-क्लास की रिकॉर्डिंग भी कराई जा रही है, ताकि जो स्कूले ई-क्लास से नहीं जुड़ पाई वहां रिकॉर्डिंग भेज सके.
FIRST PUBLISHED :
November 21, 2024, 09:19 IST