Last Updated:February 02, 2025, 11:20 IST
Deadly Henipavirus Found successful USA: उत्तरी अमेरिका में एक बेहद घातक वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है. इस वायरस के संक्रमण होने पर 10 में से 7 लोगों की मौत हो जाती है.
Deadly Henipavirus Found successful USA: उत्तरी अमेरिका में एक इतना खतरनाक वायरस का पहला मामला सामने आया है जिसमें 10 में से 7 लोगों की मौत हो जाती है. इस वायरस का नाम कैंप हिल वायरस है जो हेनिपावायरस का एक प्रकार है. उत्तरी अमेरिका के अल्बामा में छुछुंदरों में इस वायरस का पहला केस सामने आया है. इस वायरस के कारण वैज्ञानिकों ने महामारी की आशंका जताई है. स्कूल ऑफ केमिस्ट्री एंड मॉलीकुलर बायोसाइंस के डॉ. राइस पैरी की रिसर्च में यह बात कही गई है. उन्होंने आशंका जताई है कि इस वायरस का प्रकोप इतना ज्यादा बढ़ सकता है जितना हमने सोचा नहीं है. अगर यह वायरस इंसानों को संक्रमित कर अन्य देशों में गया तो इससे भारी नुकसान हो सकता है.
क्या होता है हेनिपावायरस
टीओआई की खबर के मुताबिक हेनिपावायरस उसी कुल का है जिस कुल का घातक निपाह वायरस है. यानी पैरामाइक्सोविरेडी. इस कुल के तीन अन्य वायरस हैं हेंड्रा वायरस, निपाह वायरस और CedPV वायरस. हेंड्रा और निपाह दोनों बेहद खतरनाक है और ये दिमाग की नसों और सांसों की बीमारियों को जन्म देते हैं. यह वायरस एक ही लेयर में निगेटिव सेंस आरएनए वायरस से लिपटा होता है. इस तरह के वायरस को जूनेटिक कहा जाता है जो चमगादड़ में संक्रमित होकर जानवर और फिर इंसानों में फैलाता है.
हेनिपावायरस से होने वाली बीमारियां
हेनिपावायरस का संक्रमण होने पर शरीर में घातक बीमारियां लगती है. इस कुल का सबसे खतरनाक हेंड्रा वायरस है जो पहली बार ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में मिला था. इस बीमारी में 70 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है. निपाह वायरस में भी मौत की दर 40 से 75 प्रतिशत है. निपाह तो दक्षिण एशिया के मलेशिया और बांग्लादेश में फैली थी.
क्या हेनिपावायरस इंसानों में फैल सकता है
कैंप हिल या हेनिपावायरस फिलहाल अमेरिका और कनाडा के कुछ छुछंदरों में मिला है. डॉ. पैरी ने बताया कि कैंप हिल वायरस के एकदम नजदीक लंग्या वायरस छुछंदरों से इंसानों में फैला है. इसका मामला चीन में आया है. इसलिए इसी आधार पर यह माना जा सकता है कि यह वायरस भी इंसानों को संक्रमित कर सकता है.
हेनिपावायरस के लक्षण
हेनिपावायरस में सामान्य लक्षण है चक्कर आना, सिर में दर्द होना, बुखार और मांसपेशियों में दर्द. लेकिन इस बीमारी से संक्रमित मरीजों की मौत तब होती है जब यह बीमारी इंसेफलाइटिस में बदल जाती है. इसमें दिमाग में कंफ्यूजन आ जाता है और मांसपेशियों में अकड़न होने लगती है जिससे दौरा पड़ने लगता और मरीज कॉमा में पहुंच जाता है.
First Published :
February 02, 2025, 11:20 IST