नई दिल्ली :
रूस और यूक्रेन के बीच 33 महीनों से जारी जंग (Russia-Ukraine War) धीरे-धीरे और तेज हो रही है. यूक्रेन की आर्म्ड फोर्सेज ने पहली बार रूस के अंदर सैन्य ठिकानों पर ब्रिटिश क्रूज मिसाइलें दागी हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. इसके साथ ही करीब एक हजार दिनों से जारी संघर्ष एक नए चरण में प्रवेश कर गया है. यूक्रेन के इन हमलों के बाद युद्ध के और तेज होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उत्तर कोरियाई सैनिकों को तैनात करने के जवाब में ब्रिटेन ने स्टॉर्म शैडो मिसाइलों के इस्तेमाल को मंजूरी दी है. इससे पहले, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को रूसी ठिकानों पर लंबी दूरी की ATACMS मिसाइलें दागने की अनुमति दी थी.
ब्रिटेन की सरकार को लेकर उठ रहे थे सवाल
अमेरिका के ATACMS मिसाइलें दागने की अनुमति देने के बाद इस सप्ताह ब्राजील में आयोजित 20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में यह मुद्दा छाया रहा था. हालांकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर ने सार्वजनिक रूप से इस कदम का समर्थन नहीं किया था, जिससे यह सवाल उठने लगा था कि क्या उनकी सरकार ब्रिटिश-निर्मित स्टॉर्म शैडोज के उपयोग की अनुमति देगी.
जेलेंस्की कर रहे थे सैन्य समर्थन बढ़ाने की मांग
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की लंबे वक्त से पश्चिम की सरकारों से सैन्य समर्थन बढ़ाने का आह्वान कर रहे हैं, जिसमें रूस में उन लक्ष्यों पर हमला करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइलों के उपयोग की अनुमति देना भी शामिल है जो व्लादिमीर पुतिन के युद्ध प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण हैं.
रूस के कुर्स्क इलाके में मिला मिसाइल का मलबा
टेलीग्राम चैनल रयबर के अनुसार, यूक्रेन के उत्तर में स्थित रूस के कुर्स्क क्षेत्र में स्टॉर्म शैडो मिसाइल का मलबा मिला है और दक्षिणी क्रास्नोडार इलाके में ब्लैक सी पोर्ट येयस्क पर दो मिसाइलें इंटरसेप्ट की गईं. रयबर का सेना के साथ कनेक्शन है और इसके 13 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं. हालांकि इस जानकारी को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका है.