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रवि सीजन की शुरुआत हो चुकी है. किसान खेतों में गेहूं, सब्जी, राई और अन्य फसल की बुआई करने की तैयारी कर रहे है. मगर रसायनकी खाद के इस्तेमाल करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर हो चुकी है तो खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए घर पर नुस्खा तैयार कर सकते है. जो आपके खेत के साथ साथ फसलों के लिए भी लाभदायक होता है.
हरित क्रांति के बाद भारत देश में युद्ध बड़े मात्रा में रासायनिक खादों का इस्तेमाल किया गया. आज भी बड़े संख्या में किसान रासायनिक खाद के इस्तेमाल करते है. जिसका प्रभाव है. खेतों की मिट्टी जहरीली हो गई है. इतना हीं नहीं मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी कमजोर हो गई है. जिससे उत्पादती चीजों का सेवन सेहत को भी खराब कर रहा है. ऐसे में किसान खेतों में ऑर्गेनिक खाद का इस्तेमाल कर खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ा सकते है.
रासायनिक खादों के प्रयोग से हो जाती है मिट्टी जहरीली
झारखंड के पलामू जिले में स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र चियांकि के कृषि वैज्ञानिक डॉ० प्रमोद कुमार ने लोकल18 से कहा कि हरित क्रांति के बाद अंधाधुंध और असंतुलित मात्रा में रासायनिक खादों के प्रयोग से खेत की मिट्टी जहरीली हो गई है.ऐसे में किसान घर पर जीवामृत तैयार कर सकते है. जिससे खेतों की मिट्टी को उर्वरा शक्ति को ठीक किया जा सकता है.
इन चीजों से होता है तैयार
तरल जीवामृत बेहद फायदेमंद होता है. जिसका इस्तेमाल खेतों और फसलों के लिए किया जाता है. इसे तैयार करने के लिए सबसे पहले आपको देशी गाय का 10 किलो गोबर, गौमूत्र 10 लीटर,कोई भी दाल का बेसन 1 किलो, पुराना गुड़ 1 किलो, और पीपल के पेड़ के नीचे की एक किलो मिट्टी और 200 लीटर पानी के साथ बड़ा ड्रम. इतने चीज को जुटाने के बाद आप तरल जीवामृत तैयार कर सकते है.
ऐसे करें तैयार
उन्होंने बताया कि तरल जीवामृत तैयार करने के लिए सबसे पहले आपको गोबर और गौमूत्र को आपस में अच्छी तरह मिला लें. इसके बाद ग्यास नायलॉन कपड़े से इसे छान लें.इसके बाद 200 लीटर ड्रम में सभी चीजों को मिला लें. इसके बाद सात दिन तक कपड़े से ढककर छांव में इसे रख दें. सात दिन तक रोजाना एक से दो बार इसे अच्छी तरह मिला दें. सात दिन के बाद 200 लीटर जीवामृत आपका तैयार हो जायेगा.
प्रयोग का तरीका
उन्होंने बताया कि इसे प्रयोग करने के लिए आप पटवन के साथ कर सकते है. इसके अलावा आप फसल पर छिड़काव भी कर सकते है. 200 लीटर जीवामृत से एक एकड़ खेत के लिए काफी होता है. इसे आप पंप में लगे डिलीवरी पाइप की मदद से खेत को सींच सकते है. जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति के लिए लाभदायक होता है.
मिलेगा ये लाभ
आगे कहा कि तरल जीवामृत बेहद फायदेमंद होता है. इसके इस्तेमाल से आप खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ा सकते है. इतना हीं नहीं तरल जीवामृत के इस्तेमाल से फसल उत्पादन करने में फायदा मिलता है. फसल में रोग व्याधियों कम लगती है. पौधों को प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व, मिनरल्स मिलता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 22, 2024, 11:53 IST