अरावली पहाड़ियों की गोद में छिपा है ये गांव, महाभारत युद्ध के मिले तीन रथ

2 hours ago 2

Agency:News18 Haryana

Last Updated:February 08, 2025, 18:58 IST

फरीदाबाद के कोट गांव में अरावली की पहाड़ियों में प्राचीन कप मार्क्स, फुटप्रिंट और किले के खंडहर मिले हैं. 2019 में तेजवीर मावी ने इनकी खोज कर ASI को सूचित किया. 2023-24 के सर्वेक्षण में डॉ. मंजूल समेत विशेषज्ञ ...और पढ़ें

X

कोट

कोट गांव अरावली में छिपा प्राचीन इतिहास.

हाइलाइट्स

  • अरावली की पहाड़ियों में प्राचीन कप मार्क्स, फुटप्रिंट और किले के खंडहर मिले हैं.
  • 2019 में तेजवीर मावी ने इसकी खोज कर एएसआई को जानकारी दी.
  • डॉ. मंजूल समेत विशेषज्ञों की टीम ने रिसर्च किया.

फरीदाबाद: फरीदाबाद के कोट गांव की अरावली पहाड़ियों का इतिहास बहुत पुराना है. यहां से समय- समय पर प्राचीन काल के अवशेष मिलते रहे हैं. ये इस क्षेत्र की ऐतिहासिक समृद्धि को दर्शाते हैं. इसी गांव के निवासी तेजवीर मावी बचपन से ही इन खंडहरों को देखते आ रहे हैं. साल 2019 में उन्होंने पहली बार इस क्षेत्र में कप मार्क्स, चट्टानों पर आदिमानवों के फुटप्रिंट, हैंडप्रिंट और अन्य पुरातात्विक चिह्नों की खोज की. साल 2021 में उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को इसकी सूचना दी, जिसके बाद विभाग ने यहां एक शॉर्ट फिल्म भी बनाई थी. हालांकि, कुछ तकनीकी कारणों से आगे की खुदाई और रिसर्च का काम में देरी हुई.

तेजवीर मावी ने ऐतिहासिक धरोहर पर रिचर्स करने के लिए कई सरकारी दफ्तरों में आवेदन दिए. साल 2022 में केरल से एक टीम आई, जिसने यहां का सर्वेक्षण किया और फोटोग्राफी की. लेकिन गांव और खोजकर्ता का नाम किसी भी रिपोर्ट में शामिल नहीं किया. साल 2024 में जब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) में ये पैटर्न प्रदर्शित किए गए, तब तेजवीर मावी ने इसकी शिकायत एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) के चंडीगढ़ कार्यालय में की. इसके बाद 2023 और 2024 में यहां पुनः सर्वेक्षण किया गया.

किले के अंदर से मिली है कई मूर्तियां
इस दौरान एएसआई के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. मंजूल कोट गांव पहुंचे. पुरातत्वविद् डॉ. मंजूल ने सोनाली में महाभारतकालीन तीन रथों की खोज की थी. उन्होंने इस क्षेत्र में गहन शोध करने का आश्वासन दिया. तेजवीर मावी बताते हैं कि कोट गांव के पहाड़ों में एक प्राचीन किले के खंडहर मौजूद हैं, जो गांव के बसने से पहले ही जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थे. इस किले के अंदर से विष्णु भगवान, कुलदेवी और भाल पत्र कुबेर की मूर्तियां प्राप्त हुईं, जिन्हें अब मंदिर में स्थापित कर दिया गया है.

साल 2023 में किले के अंदर से उन्हें एक ईंट मिली, जिस पर उंगलियों के स्पष्ट निशान उकेरे हुए थे. यदि इस ईंट की वैज्ञानिक डेटिंग करवाई जाए, तो किले के इतिहास के कई अनछुए पहलू उजागर हो सकते हैं.

कोट गांव पर लिखी जा रही है किताब
तेजवीर मावी मेरठ के शुभ भारती यूनिवर्सिटी से स्नातक कर रहे हैं. वह अपने गांव के ऐतिहासिक महत्व को दुनिया के सामने लाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. अब इस क्षेत्र में प्रमुख पुरातत्वविद शोध कर रहे हैं, और इस पर पुस्तकें भी लिखी जा रही हैं. यदि किले के आसपास के क्षेत्र की गहन खुदाई की जाए, तो इससे जुड़े कई रहस्यों का खुलासा हो सकता है. इससे कोट गांव का ऐतिहासिक महत्व और भी स्पष्ट हो सकता है.

Location :

Faridabad,Haryana

First Published :

February 08, 2025, 18:58 IST

homeharyana

अरावली पहाड़ियों की गोद में छिपा है ये गांव, महाभारत युद्ध के मिले तीन रथ

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article