गुजरात में 2002 के दंगों में मारे गए पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी का शनिवार को अहमदाबाद में निधन हो गया। वह 86 वर्ष की थीं। जकिया जाफरी का निधन उनके परिवार के सदस्य के अनुसार सुबह हुआ। जकिया उस समय अपनी बेटी के घर पर थीं और परिवार के साथ सामान्य बातचीत कर रही थीं, जब अचानक उन्होंने बेचैनी की शिकायत की। तत्काल डॉक्टर को बुलाया गया, जिन्होंने उन्हें पूर्वाह्न करीब 11:30 बजे मृत घोषित कर दिया।
दंगे में पति की हुई थी हत्या
जकिया जाफरी उन नागरिकों में शामिल थीं जिन्होंने गोधरा में हुई ट्रेन आगजनी की घटना के बाद पूरे गुजरात में भड़के दंगों के खिलाफ निर्णायक कानूनी लड़ाई लड़ी। उनके पति एहसान जाफरी, जिनकी हत्या 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद के गुलबर्ग सोसाइटी में हुई थी, उन 69 लोगों में शामिल थे जो इस हिंसा में मारे गए थे। यह घटना गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आगजनी की घटना के एक दिन बाद हुई थी, जिसमें 59 कारसेवकों की मृत्यु हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ीं
जकिया जाफरी ने इस घटना के बाद राज्य में हुए सांप्रदायिक दंगों की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया और उच्चतम न्यायालय तक अपनी लड़ाई लड़ीं। उनके संघर्ष में उन्होंने प्रमुख राजनीतिक नेताओं को इस हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की।
उनके बेटे तनवीर जाफरी ने कहा, “मेरी मां अहमदाबाद में मेरी बहन के घर आई हुई थीं। उन्होंने सुबह के अपने दैनिक कार्य पूरे किए और परिवार के सदस्यों के साथ सामान्य रूप से बातचीत कर रही थीं, तभी उन्होंने बेचैनी की शिकायत की। डॉक्टर को बुलाया गया जिसने पूर्वाह्न करीब 11:30 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया।”
तीस्ता सीतलवाड़ का ट्वीट
उच्चतम न्यायालय में जाफरी की विरोध याचिका में सह-शिकायतकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने ‘एक्स’ पर कहा, “मानवाधिकार समुदाय की एक सहृदय नेता जकिया आपा का निधन सिर्फ 30 मिनट पहले हुआ! उनकी दूरदर्शी उपस्थिति को देश, परिवार, दोस्तों के साथ ही पूरी दुनिया याद करेगी! तनवीर भाई, निशरीन, दुरैयप्पा, नाती-नातिन हम आपके साथ हैं! शांति से विश्राम करें जकिया आपा!”
ये भी पढ़ें-
खुशी से झूम उठीं दुलारी देवी, जब उनकी भेंट की साड़ी पहनीं वित्त मंत्री
चचेरे भाई से इश्क कर बैठी युवती, शादी से किया इनकार तो सनकी ने पेट में मारी गोली