Last Updated:February 01, 2025, 18:17 IST
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 में आयकर छूट, अप्रत्यक्ष करों में कमी और सरकारी निवेश पर जोर दिया है. इससे उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा और आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार मिलेगी. सरकार ने ₹1 लाख करोड़ करद...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- वित्त मंत्री ने बजट 2025 में आयकर छूट की घोषणा की.
- सरकार ने ₹1 लाख करोड़ उपभोक्ताओं के हाथ में दिए.
- बजट से उपभोक्ता खर्च और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी.
नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट 2025 में उपभोक्ता खर्च को बढ़ाने के लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं. आयकर में छूट, अप्रत्यक्ष करों में कमी और सरकारी निवेश पर जोर देकर मांग को बढ़ाने की कोशिश की गई है. इससे बाजार में खरीदारी बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार मिलेगी. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बजट के तहत सरकार ने आयकर नियमों में बदलाव कर ₹1 लाख करोड़ सीधे करदाताओं के हाथों में देने का फैसला किया है.
यह राशि वित्त वर्ष 2025 में एकत्र किए गए व्यक्तिगत आयकर का 10% है, यानी सरकार ने FY26 में उपभोक्ताओं को यह राहत दी है. हालांकि, कुछ शर्तों के कारण करदाताओं के पास शुद्ध अतिरिक्त आय ₹80,000 करोड़ के आसपास रह सकती है, लेकिन इसके बावजूद, उनकी करोत्तर आय बढ़ेगी, जिससे उपभोक्ता खर्च में तेजी आएगी. इसके अलावा, मोबाइल फोन निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कुछ उपकरणों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी घटाने का फैसला किया गया है. इससे न केवल मोबाइल की खरीदारी बढ़ेगी, बल्कि महंगे स्मार्टफोन्स की बिक्री को भी बढ़ावा मिलेगा.
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बजट की घोषणाओं के बाद शेयर बाजार में भी सकारात्मक रुझान देखने को मिला. एफएमसीजी सेक्टर में हिंदुस्तान यूनिलीवर और ब्रिटानिया जैसी कंपनियों के शेयरों में 5% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि बीएसई सेंसेक्स में मामूली बढ़त देखी गई. इससे साफ है कि उपभोक्ता मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद में बाजार में उत्साह दिखा. वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि आयकर में दी गई रियायत से सरकार को ₹1 लाख करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा. हालांकि, उपभोक्ता खर्च बढ़ने से इसका कुछ हिस्सा जीएसटी के रूप में सरकार को वापस मिलने की उम्मीद है, जिससे अर्थव्यवस्था में सक्रियता बनी रहेगी.
टैक्स छूट के अलावा, सरकार सार्वजनिक निवेश को भी आर्थिक गति बढ़ाने का एक प्रमुख जरिया बना रही है. इसके तहत राज्यों को ₹1.5 लाख करोड़ के 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण दिए जाएंगे, ताकि वे पूंजीगत खर्च को बढ़ा सकें. चूंकि पहले से ही कई परियोजनाएं तैयार हैं, इसलिए इन योजनाओं के तुरंत लागू होने की संभावना है, जिससे रोजगार सृजन और आय में वृद्धि होगी. बजट की ये घोषणाएं निजी उपभोग में तेजी लाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं. चूंकि भारत की जीडीपी का 56-60% हिस्सा उपभोक्ता खर्च से आता है, इसलिए सरकार ने इसे मजबूती देने की रणनीति अपनाई है. यह न केवल उपभोक्ता मांग को बढ़ाएगा, बल्कि दीर्घकालिक आर्थिक विकास को भी गति देगा.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 01, 2025, 18:17 IST