Last Updated:February 06, 2025, 15:27 IST
Bump Near Eye Sign of High Cholesterol: क्या आंखों के उपर पीला उभार हाई कोलेस्ट्रॉल का संकेत है. अगर आप इस परेशानी से जूझ रहे हैं तो निश्चित रूप से यह खबर पढ़ लीजिए.
हाइलाइट्स
- आंखों के पास पीला उभार हाई कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकता है.
- जेंथेलाज्मा होने पर हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है.
- कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल के लिए हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज जरूरी है.
Bump Near Eye Sign of High Cholesterol: अक्सर लोगों की आंखों के आस-पास एकदम साफ-सुधरा रहता है. कुछ लोगों की आंखों के आस-पास डार्क सर्कल दिखने लगते हैं लेकिन यह कोई गंभीर बात नहीं है लेकिन जब आंखों के आसपास यानी उपर या नीचे पीले रंग की उभार दिखने लगे तो यह हाई कोलेस्ट्रॉल का गंभीर संकेत हो सकता है. मुश्किल यह है कि जब एक बार यह उभार बन गया तो बिना इलाज कभी जाता भी नहीं. ऐसे में आपक हर हाल में यह समझना चाहिए कि ऐसा क्यों होता है. इस बारे में हमने फोर्टिस अस्पताल, नई दिल्ली में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी से बात की.
क्या होता है जेंथेलाज्मा
डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि आंखों के आस-पास अगर पीलानुमा उभार है तो इसे मेडिकल टर्म में जेंथेलाज्मा कहते हैं. जब कोलेस्ट्रॉल का जमाव आंखों के आसपास होने लगता है तो इससे यह उभार बन जाता है. जब लिवर ट्राइग्लिसराइड्स ज्यादा बनने लगता है तब यह उभार बनता है. हालांकि जरूरी नहीं कि जितने लोगों का ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ा है, सबमें जेंथेलाज्मा हो ही लेकिन जितने लोगों को जेंथेलाज्मा होता है, उनमें से अधिकांश में ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ा रहता है.
क्या खतरनाक है जेंथालाज्मा
डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि जेंथालाज्मा अगर है तो यह गंभीर है क्योंकि इसका आमतौर पर यह मतलब है कि आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ गया है. कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने के मतलब है कि यह धमनियों में प्लैक जमा करने लगेगा जिससे खून के प्रवाह में दिक्कत होगी. इससे हार्ट को कम खून पहुंचेगा. इसलिए जिन लोगों को जेंथालाज्मा है, उनमें स्ट्रोक और हार्ट डिजीज का खतरा ज्यादा रहता है. इसलिए जैसे ही आंखों के आसपास ऐसी चीजें दिखें तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें.
क्या अन्य कारणों से भी ऐसा हो सकता है
डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि हाई शुगर, हाई थायराइड, हाई ब्लड प्रेशर से बी ऐसा हो सकता है लेकिन इन सभी कारणों से ट्राइग्लिसराइड्स भी बढ़ता है. वहीं जिन लोगों के परिवार में ऐसा रहता है, उनमें जेंथेलाज्मा का खतरा ज्यादा रहता है. इसके लिए जीन जिम्मेदार हो सकता है. वहीं ज्यादा वज और तंबाकू का ज्यादा सेवन भी इसके लिए कारण बन सकता है.
क्या है इसका इलाज
डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि सबसे ऐसे लोगों को कार्डियलॉजिस्ट से मिलना चाहिए. डॉक्टर उन्हें ट्रेडमील टेस्ट, इको, ईसीजी, सीटी स्कैन के माध्यम से यह देखेंगे कि हाई ट्राइग्लिसराइड्स हार्ट के आसपास कहां तक पहुंचा है. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट से यह पता चलता है कि शरीर में कितने तरह के कोलेस्ट्रॉल बढ़े हुए हैं. इन सबसे इलाज किया जाता है. अगर ट्राइग्लिसराइड्स 250 से कम है तो ऐसे लोगों को हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज की सलाह दी जाती है. अगर यह 400 से ज्यादा है तो दवा दी जाती है. दवा से आगे जेंथेलाज्मा नहीं होगा लेकिन जो पहले से उभार बन गए है वह जाएगा नहीं. इसके लिए अलग तरह के इलाज की जरूरत होती है. इसलिए ऐसे मामलों में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए डाइट
अगर कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है तो तुरंत बाहर का खाना छोड़ दें. साबुत अनाज, सीजनल हरी सब्जियां और ताजे फल का रोज इस्तेमाल करें. कम तेल का सेवन करें और ज्यादा फ्राई चीजों का सेवन न करें. इसके साथ ही रेगुलर एक्सरसाइज करें.
250 से ज्यादा में आ जाता है लेकिन सबको नहीं आता
जेंथालाज्मा जितने को ट्राइग्लिसेराइड्स है सबको जेंथालाज्मा हो यह जरूरी नहीं लेकिन अगर आंखों में जेंथालाज्मा है तो अधिकांश व्यक्तियों में हाई ट्राईग्लिसेराइड्स होगा. इसमें लिपिड डिपॉजिट होते है. ज्यादातर जेनेटिक होता है. थायराइड और शुगर दोनों में ट्राइग्लिसेराइड्स बढ़ेगा.
First Published :
February 06, 2025, 15:27 IST