Last Updated:February 06, 2025, 18:11 IST
अमेरिका में निर्वासन के लिए सैन्य विमानों का इस्तेमाल ना केवल असामान्य है बल्कि बहुत महंगा भी. ट्रंप प्रशासन अड़ा हुआ है कि वो सी-17 सैन्य विमानों से ही अवैध प्रवासियों को भेजेगा.
अमेरिका में अवैध माने गए भारतीय प्रवासियों को लेकर अमेरिका का पहला सैन्य विमान 5 फरवरी को अमृतसर पहुंचा. इसमें 205 भारतीय थे. ये सैन्य विमान C-17 था, जो अवैध अप्रवासियों को लेकर आय़ा. दूसरे देशों में भी अमेरिका जिन प्रवासियों को लौटा रहा है, वो इन्हीं विमानों के जरिए कर रहा है. जबकि कई देश इसका विरोध भी कर रहे हैं. इन विमानों का उपयोग बहुत महंगा भी है.
रॉयटर्स ने दोनों विमानों की तुलनात्मक लागत की गणना की. उससे पता लगा कि अमेरिका में ग्वाटेमाला में हाल ही में जब अवैध प्रवासियों को सैन्य जहाज के जरिए वापस लौटाया तो शायद प्रति प्रवासी उसका खर्च कम से कम $4,675 था. उसी रास्ते पर अमेरिकन एयरलाइंस के प्रथम श्रेणी के एकतरफा टिकट का खर्च $853 है यानि सैन्य विमान में खर्च प्रति यात्री पांच गुना ज्यादा बैठता है.
सवाल – जब अमेरिका का सैन्य विमान सी-17 भारत आता है तो क्या खर्च लगता है?
– सी-17 सैन्य परिवहन विमान को चलाने की अनुमानित लागत 28,500 डॉलर प्रति घंटा है. भारत के लिए निर्वासन उड़ान सबसे लंबी है. ग्वाटेमाला, पेरु, होंडुरास और इक्वाडोर के लिए उड़ानें बहुत लंबी नहीं हैं.
सवाल – आखिर ट्रंप क्यों इसके लिए सैन्य विमानों का उपयोग करना चाहते हैं?
– दरअसल इसका संबंध प्रतीकात्मकता ज्यादा है. ट्रंप ने चूंकि अवैध अप्रवासियों को हमेशा “एलियन” और “अपराधी” कहा है, जिन्होंने अमेरिका पर “आक्रमण” किया है, लिहाजा जब वो सैन्य विमानों पर अवैध अप्रवासियों को भेज रहे हैं तो उन्हें अपराधी की तरह ही दिखा रहे हैं. उन्हें हथकड़ियां लगाकर भेजा जा रहा है. सैन्य विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
इस तरह राष्ट्रपति ट्रंप पूरी दुनिया को एक मजबूत और स्पष्ट संदेश भेज रहे हैं कि यदि आप अवैध रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करते हैं, तो आपको गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
सवाल – क्या ट्रंप अप्रवासियों को कोर्ट में जाकर अपनी बात कहने का मौका दे रहे हैं?
– नहीं, ट्रंप अवैध अप्रवासियों को हिरासत में लेने और अपील करने का समय देने के बजाय उन्हें तुरंत निर्वासित करने के पक्ष में हैं. उन्होंने दिसंबर में कहा, “मैं नहीं चाहता कि वे अगले 20 सालों तक शिविर में बैठे रहें. मैं चाहता हूं कि वे बाहर निकलें और देशों को उन्हें वापस लेना होगा.”
सवाल – क्या ट्रंप के इस कदम की आलोचना हो रही है?
– लेटिन अमेरिकी देश ट्रंप द्वारा सैन्य विमानों में बेड़ियों में जकड़े प्रवासियों को वापस भेजे जाने की आलोचना कर रहे हैं. लेकिन इसकी प्रतिक्रिया उन देशों में हो सकती है, जहां अमेरिकी सेना मौजूद है.
सवाल – ये सी-17 विमान कैसा है, इसका इस्तेमाल ही क्यों हो रहा है?
– C-17 विमान को उसकी क्षमता और लंबी दूरी की उड़ानों के लिए जाना जाता है.ये विमान एक साथ बड़ी संख्या में लोगों को ले जाने में सक्षम है, जिससे डिपोर्टेशन प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सकता है.
सवाल – C-17 ग्लोबमास्टर III विमान कैसे हैं, ये कहां बनते हैं और अमेरिका के पास कितने हैं?
– C-17 ग्लोबमास्टर III अमेरिका के एयरलिफ्ट फोर्स में शामिल होने वाला सबसे नया और सबसे लचीला कार्गो विमान है. इसकी क्रूज गति लगभग 450 नॉट (.74 मैक) है. यह 3,500 फीट (1,064 मीटर) लंबाई या सिर्फ 90 फीट (27.4 मीटर) चौड़ाई वाले रनवे पर उड़ान भरने और उतरने में सक्षम है. विमान की अधिकतम एक बार में उड़ने की सीमा 10,389 किलोमीटर (6,455 मील) है. यह छोटे और बिना सील वाले हवाई पट्टियों से संचालित करने में सक्षम है. इसका उत्पादन अमेरिका की बोइंग कंपनी करती है.
सवाल – इस तरह के विमानों का इस्तेमाल कौन से देश करते हैं?
– C-17 ग्लोबमास्टर III एक बहुमुखी सैन्य विमान है. इसका इस्तेमाल कई देशों में किया जा रहा है. अमेरिका के अलावा, भारत, आस्ट्रेलिया इसका इस्तेमाल करते हैं.
सवाल – वो लेकेन राइली एक्ट क्या है, जिसके जरिए अवैध प्रवासियों की कोई बात सुने बगैर उनके देश वापस भेजा जा रहा है?
– लेकेन राइली एक्ट को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंजूरी दी है, अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ इसका इस्तेमाल हो रहा है. यह कानून जॉर्जिया की 22 वर्षीय नर्सिंग छात्रा लेकेन राइली के नाम पर रखा गया है, जिसकी वेनेजुएला के एक अवैध अप्रवासी ने हत्या कर दी थी.. यह एक्ट अवैध प्रवासियों को पकड़ने, गिरफ्तार करने और उन्हें उनके देश वापस भेजने का प्रावधान करता है.
सवाल – अमेरिका में कुल मिलाकर कितने अवैध भारतीय प्रवासी हैं?
– अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय प्रवासियों की संख्या अलग-अलग अनुमानों के अनुसार भिन्न है. एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में लगभग 725,000 भारतीय आप्रवासी हैं जो रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हैं. हालांकि इन आंकड़ों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट का अनुमान है कि अवैध रूप से रह रहे भारतीय आप्रवासियों की संख्या लगभग आधी है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका ने 18,000 भारतीयों को अवैध प्रवासियों के रूप में पहचाना है जिन्हें वापस भेजा जाना है.
सवाल – क्या अमेरिका ने पहले भी भारतीयों को वापस भेजा है?
– 2018 और 2023 के बीच 5,477 भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किया गया था. साल 2020 में सबसे ज़्यादा 2,300 भारतीयों को निर्वासित किया गया था. 2024 में (सितंबर तक) 1,000 भारतीय नागरिकों को निर्वासित किया गया था.
Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
February 06, 2025, 18:11 IST