![नई दिल्ली में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में करारों पर हस्ताक्षर किए गए।](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/paisa-new-lazy-big-min.jpg)
भारतीय सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम के लिए रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम के लिए एरिया डेनियल म्यूनिशन टाइप-1 और हाई-एक्सप्लोसिव रॉकेट की खरीद के लिए रक्षा संस्थाओं के साथ 10,000 करोड़ से ज्यादा के करार पर हस्ताक्षर किए। पीटीआई की खबर के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में यह भी कहा कि शक्ति सॉफ्टवेयर में अपग्रेड के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ एक करार पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं।
इन कंपनियों के साथ हुए करार
खबर के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (एमएलआरएस) के लिए एरिया डेनियल म्यूनिशन (एडीएम) टाइप-1 (डीपीआईसीएम) और हाई एक्सप्लोसिव प्री फ्रैगमेंटेड (एचईपीएफ) एमके-1 (एन्हांस्ड) रॉकेट की खरीद के लिए इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड (ईईएल) और म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) के साथ कुल 10,147 करोड़ रुपये की लागत से करार किए हैं। बयान में कहा गया है कि HEPF Mk-1 (E) रॉकेट सेवा में मौजूद HEPF रॉकेट का एडवांस एडिशन है, जिसकी रेंज बढ़ी हुई है और यह दुश्मन के इलाके में सटीकता और मारक क्षमता के साथ हमला कर सकता है।
आर्टिलरी रॉकेट रेजिमेंट होगा मॉडर्न
नई दिल्ली में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में करारों पर हस्ताक्षर किए गए। मंत्रालय ने कहा कि पिनाका MLRS के ADM टाइप-1 में एक विशेष वारहेड है, जो मशीनीकृत बलों, वाहनों और कर्मियों को लक्षित करते हुए बड़े क्षेत्र में बड़ी मात्रा में उप-गोला-बारूद पहुंचा सकता है, जिससे दुश्मन को विशिष्ट क्षेत्रों पर हमला करने से रोका जा सके। अधिकारियों ने कहा कि ADM टाइप-1 (DPICM) और HEPF Mk-1 (E) रॉकेट की खरीद आर्टिलरी रॉकेट रेजिमेंट के आधुनिकीकरण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगी।
भारतीय सेना की मारक क्षमता मजबूत होगी
मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि ये एडवांस ADM (DPICM) और HEPF गोला-बारूद सटीक और लंबी दूरी के हमलों को सक्षम करके भारतीय सेना की मारक क्षमता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। राष्ट्रीय रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के अलावा, इन परियोजनाओं में भारतीय सेना को प्रोत्साहित करके प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं हैं। मंत्रालय ने कहा कि यह खरीद भारत के रक्षा बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और स्वदेशी उद्योगों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' दृष्टिकोण का गौरवशाली ध्वजवाहक होगा।