गोरखपुर चिड़ियाघर में ही इनके लिए उपयुक्त माहौल बनाया जा रहा है.
गोरखपुर: यूपी के गोरखपुर शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में बहराइच के आदमखोर नर और मादा भेड़ियों को लाया गया था. अब उनका जीवन बिल्कुल बदल चुका है. जहां पहले ये भेड़िए इंसानों के लिए खतरा बने हुए थे. वहीं, अब वे चिड़ियाघर में एकांत और भरपेट भोजन के साथ एक नई शुरुआत कर रहे हैं. अगस्त में बहराइच के ग्रामीण इलाकों में इन भेड़ियों ने कई हमले किए थे, जिसके बाद इन्हें रेस्क्यू करके गोरखपुर लाया गया. अब दोनों भेड़िए एक सुरक्षित माहौल में हैं और उनकी आक्रामकता में भी कमी देखी जा रही है.
भेड़ियों के बीच नजदीकियां बढ़ाने की तैयारी
गोरखपुर चिड़ियाघर में भेड़ियों का बाड़ा पहले से तैयार था, लेकिन भेड़ियों की कमी के कारण यह खाली था. अब इन दो भेड़ियों के आने के बाद चिड़ियाघर प्रबंधन इनके बीच दोस्ती और घनिष्ठता बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है. वर्तमान में दोनों भेड़ियों को अलग-अलग सेल में रखा गया है, ताकि वे धीरे-धीरे एक दूसरे के प्रति सहज हो सकें. जल्द ही इनके बीच के सेल में एक खिड़की खोली जाएगी, जिससे वे एक दूसरे को देख सकें और उनके बीच संवाद स्थापित हो सके.
नहीं छोड़े जाएंगे जंगलों में
इन भेड़ियों को दोबारा जंगल में छोड़ना संभव नहीं है, क्योंकि इंसानों पर उनके हमले का इतिहास है. चिड़ियाघर प्रबंधन का मानना है कि जंगल में लौटने पर वे फिर से हमलावर हो सकते हैं. इसलिए अब गोरखपुर चिड़ियाघर में ही इनके लिए उपयुक्त माहौल बनाया जा रहा है. उनके आक्रामक व्यवहार में बदलाव को ध्यान में रखते हुए चिड़ियाघर प्रबंधन उन्हें मुख्य बाड़े में लाने पर विचार कर रहा है, ताकि उन्हें एक स्थायी घर मिल सके और दर्शक भी उनके नए रूप को देख सकें.
दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे भेड़िए
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह के अनुसार दोनों भेड़िए अब पूरी तरह स्वस्थ हैं और अपनी डाइट का पालन करते हुए शांत व्यवहार कर रहे हैं. उनकी नई जीवनशैली को ध्यान में रखते हुए चिड़ियाघर प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि उन्हें जल्द ही मुख्य बाड़े में रखा जाएगा. इससे चिड़ियाघर आने वाले दर्शक भी इन रेस्क्यू भेड़ियों के नजदीक दीदार कर सकेंगे और उनके बदलाव भरे जीवन को करीब से देख पाएंगे.
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FIRST PUBLISHED :
November 17, 2024, 16:04 IST