Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:February 05, 2025, 10:05 IST
Basti: आम के पेड़ों में बौर आने का समय हो गया है. इस समय किसान भाइयों को कुछ विशेष उपाय करने चाहिए ताकि पेड़ को न सिर्फ कीट और रोगों से बचाया जा सके बल्कि उपज भी बढ़िया हो.
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हाइलाइट्स
- आम के पेड़ों में बौर आने पर सिंचाई न करें.
- मैंगो मिलीबग से बचाव के लिए ग्रीस बैंड लगाएं.
- फल मक्खी से बचाव के लिए फेरोमोन ट्रैप लगाएं.
बस्ती: आम की खेती करने वाले किसानों को आम का सीजन शुरू होने से पहले कुछ विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए, जिससे फसल की पैदावार में वृद्धि हो और कीट व रोगों से बचाव हो सके. ऐसा न करने से फसल को नुकसान होता है और उपज भी कम होती है. यह उपाय न केवल उपज को बढ़ाते हैं, बल्कि किसानों को अच्छा लाभ दिलाने में भी मदद करते हैं.
आम में बौर आने का समय
उद्यान निरीक्षक पंकज मोहन श्रीवास्तव लोकल 18 को बताते हैं कि आजकल बौर आने का समय है. ऐसे में बागों में सिंचाई नहीं करनी चाहिए. अगर आप सिंचाई कर देते हैं, तो बौर की संख्या कम हो जाएगी. वहीं अगर बाग में नमी बनी रहेगी, तो बौर आने के बाद भी वह झड़ जाएगा.
ये कीड़ा पहुंचाता है नुकसान
उद्यान निरीक्षक आगे बताते हैं कि आम के बागों में एक खतरनाक कीड़ा मैंगो मिलीबग पेड़ों को काफी नुकसान पहुंचा रहा है. यह कीड़ा पौधों के तने पर चढ़कर उन्हें नुकसान पहुंचाता है. इससे बचने के लिए किसानों को हर पेड़ में ग्रीस बैंड बांधने की जरूरत होती है. इसके लिए मोटे पॉलीथिन के 1 फीट चौड़े टुकड़े को पेड़ के तने पर लपेटकर नीचे ग्रीस लगानी पड़ती है. इसके साथ ही ध्यान रखें कि पेड़ की कोई भी शाखा जमीन से छू न रही हो.
फल मक्खी से ऐसे करें बचाव
फल मक्खी से बचाव के लिए प्रति एकड़ 20 फेरोमोन ट्रैप लगाने चाहिए. ये कीटों को अपनी ओर आकर्षित कर नियंत्रित करता है और फलों को सुरक्षित रखता है. पंकज मोहन श्रीवास्तव आगे बताते हैं कि आम के पेड़ों पर तीन बार छिड़काव करना जरूरी है, ताकि फसल पर कीट और रोगों का प्रभाव न पड़े.
पहला छिड़काव बौर आने से पहले करना होता है. इस छिड़काव में इफको कंपनी का यूज़ो 1 लीटर पानी में 1.5 मिली वेटेबल सल्फर (घुलनशील गंधक) 3 ग्राम प्रति लीटर मिलाकर करना चाहिए. यह बाग में मौजूद कीटों को नियंत्रित करता है.
दूसरा और तीसरा छिड़काव कब
दूसरा छिड़काव बौर आने के बाद किया जाता है. इस छिड़काव में इमिडाक्लोप्रिड 10 लीटर पानी में 6 मिली और किसी भी फंगीसाइड का मिश्रण, जिसमें मैंकोजेब व कार्बेंडाजिम हो, जैसे UPL कंपनी का साफ 10 लीटर पानी में 20 ग्राम डालकर छिड़काव करना चाहिए. तीसरा छिड़काव फल मटर के दाने जितने बड़े होने पर किया जाता है. इसमें 1 लीटर पानी में 1.5 मिली एकालक्स और 3 ग्राम बोरेक्स मिलाकर छिड़काव करना चाहिए.
होगी अच्छी पैदावार
तीसरे छिड़काव के बाद बाग में सिंचाई शुरू कर देनी चाहिए, ताकि नमी बनी रहे और पेड़ों की वृद्धि सही तरीके से हो सके. इससे उपज की गुणवत्ता बढ़ती है. इन उपायों को समय रहते करेंगे तो न केवल कीट और रोगों से पेड़ बचा रहेगा बल्कि उपज भी बढ़िया होगी.
Location :
Basti,Uttar Pradesh
First Published :
February 05, 2025, 10:05 IST
आम में बौर लगने से पहले कर लें ये काम, होगी इतनी उपज की संभाल नहीं पाएंगे आप!