आलू-गेहूं छोड़ करें इस फल की खेती, फरवरी से अक्टूबर तक रहती है भरपूर डिमांड

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Agency:News18 Madhya Pradesh

Last Updated:February 04, 2025, 12:14 IST

Allahabdi Safeda Amrood ki Kheti: सर्दी के मौसम में अमरूद की डिमांड काफी बढ़ जाती है. ऐसे में किसानों को इस फल से अच्छा मुनाफा कमाने का मौका मिलता है.

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सतना-मैहर

सतना-मैहर के इलाहाबादी सफेदा अमरूद की देशभर में मांग, किसानों की कमाई लाखों में!

हाइलाइट्स

  • इलाहाबादी सफेदा अमरूद की मांग सर्दियों में बढ़ती है.
  • सतना-मैहर क्षेत्र में अमरूद की खेती से किसानों को लाभ हो रहा है.
  • अमरूद की खेती जुलाई से सितंबर के बीच शुरू होती है.

शिवांक द्विवेदी , सतना: सतना-मैहर क्षेत्र में उगाए जाने वाला इलाहाबादी सफेदा अमरूद अपनी मिठास और गुणवत्ता के कारण देशभर में मशहूर हो चुका है. इस खास किस्म के अमरूद की सप्लाई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में की जाती है. विटामिन सी, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर यह अमरूद सर्दियों में लोगों की पहली पसंद बन चुका है. विशेषज्ञों के अनुसार यह पाचन को दुरुस्त रखता है और इस सीजन में रोजाना सेवन करने की सलाह दी जाती है.

अच्छी पैदावार से किसानों को हो रहा बड़ा फायदा
इलाहाबादी सफेदा अमरूद की अधिक मांग और बेहतर उत्पादन के चलते स्थानीय किसानों की सालाना कमाई लाखों में पहुंच रही है. लोकल 18′ से बातचीत में सोहावल विकासखंड की वरिष्ठ उद्यानिकी अधिकारी सुधा पटेल ने बताया कि सतना, मैहर और आसपास के इलाकों में किसान सबसे अधिक इसी अमरूद की खेती कर रहे हैं. इसकी खेती जुलाई से सितंबर के बीच शुरू होती है.

खेती के लिए सही तकनीक और अंतर का ध्यान ज़रूरी
सुधा पटेल ने बताया कि उच्च घनत्व खेती के लिए पौधों की दूरी 4×4.5 मीटर और सामान्य खेती के लिए 6×3 मीटर होनी चाहिए. यह अमरूद मध्यम आकार का, हरे रंग का, बेहद मीठा और जूसी होता है. साथ ही इसमें बीज भी अन्य अमरूदों की तुलना में कम होते हैं.

रीवा और अमरपाटन में भी हो रही बड़े पैमाने पर खेती
रीवा में सतना की तुलना में इलाहाबादी सफेदा अमरूद का अधिक उत्पादन होता है. वहीं अमरपाटन के कई किसान भी इसे व्यावसायिक रूप से अपना रहे हैं. अक्टूबर से फरवरी तक इस अमरूद की बाजार में जबरदस्त मांग रहती है जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है.

इलाहाबादी सफेदा अमरूद बना किसानों की आय का मजबूत स्तंभ
सतना और आसपास के इलाकों के किसान अब पारंपरिक फसलों के साथ-साथ फल उत्पादन को भी प्राथमिकता दे रहे हैं. इलाहाबादी सफेदा अमरूद की बढ़ती लोकप्रियता और अच्छी कीमत मिलने के कारण यह किसानों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत बन चुका है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इसकी खेती आधुनिक तकनीकों से की जाए, तो किसान अपनी आमदनी को और भी अधिक बढ़ा सकते हैं.

Location :

Satna,Madhya Pradesh

First Published :

February 04, 2025, 12:14 IST

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