वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सुस्त पड़ती आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से एक तरफ जहां मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये की सालाना आय पर कर छूट की घोषणा की है, वहीं दूसरी तरफ बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाने समेत अगली पीढ़ी के सुधारों को तेज करने का प्रस्ताव किया है। बजट में विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चार इंजन कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात को चिन्हित किया गया है। अर्थशास्त्री और उद्योग जगत के जानकारों का कहना है कि सरकार के इस कदम से इंडियन इकोनॉमी की रफ्तार अब तेज होगी। दरअसल, बजट से मांग बढ़ेगी जो जीडीपी की रफ्तार तेज करने का काम करेगा। आम आदमी के हाथ में पैसा आने से बाजार में मांग बढ़ेगी जो जीडीपी की रफ्तार तेज करने का काम करेगा।
मध्यम वर्ग को बड़ी राहत प्रदान की गई
वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि बजट ने सही दिशा में कदम बढ़ाया है, जिसमें मध्यम वर्ग को बड़ी राहत प्रदान करते हुए 12 लाख रुपये प्रति वर्ष तक की आय को पूरी तरह कर-मुक्त कर दिया गया है। जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) सज्जन जिंदल ने कहा कि यह बजट मध्यम वर्ग के हाथों में अधिक पैसा उपलब्ध कराएगा, जिससे उपभोग को बढ़ावा मिलेगा। विप्रो लिमिटेड की मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) अपर्णा अय्यर ने कहा कि बजट में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को नजरअंदाज किए बिना कर सुधारों, नवाचार को बढ़ावा देने और कौशल विकास पर जोर देकर आर्थिक प्रगति को प्राथमिकता दी गई है।
बजट कारोबार को आसान बनाने वाला
भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) ने कहा कि बजट में कारोबार को आसान बनाने, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और भारत को वैश्विक व्यापार में अधिक प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। टेलीविजन विनिर्माताओं ने कहा कि टचस्क्रीन डिस्प्ले टीवी पर सीमा शुल्क दोगुना करने और ओपन सेल के निर्माण के लिए कच्चे माल पर शुल्क में कमी करने के सरकार के प्रस्ताव से इस क्षेत्र में स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आयकर में छूट से मध्यम वर्ग इस क्षेत्र में अधिक खर्च करेगा।