Agency:News18Hindi
Last Updated:February 02, 2025, 10:13 IST
US Canada Tarrif: अमेरिका ने कनाडा और मैक्सिको पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया, जिससे कनाडा की अर्थव्यवस्था और पीएम ट्रूडो के लिए चुनौतियां बढ़ीं. कनाडा संभावित प्रतिक्रिया में अमेरिकी सामानों पर टैक्स, ऊर्जा आपूर्ति र...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- अमेरिका ने कनाडा और मैक्सिको पर 25% टैरिफ लगाया
- ट्रूडो अमेरिकी सामानों पर टैक्स लगा सकते हैं
- कनाडा के नेता ऊर्जा आपूर्ति रोकने का विकल्प दे रहे हैं
वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ लगाने की धमकी दे रहे थे. कनाडा और मैक्सिको पर 25 फीसदी टैरिफ लगाकर अब ट्रंप ने साबित कर दिया है कि वह सिर्फ धमकी नहीं देते हैं. हालांकि कनाडा के ऊर्जा संसाधनों पर सिर्फ 10 फीसदी का टैक्स लगेगा. ट्रंप की ओर से टैरिफ का ऐलान कनाडा की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ ट्रूडो के राजनीतिक करियर के लिए बड़ी मुश्किल पैदा करने वाला है. ट्रूडो ने ट्रंप के ऐलान के बाद धमकी देते हुए कहा, ‘हम ऐसा नहीं चाहते थे, लेकिन अगर अमेरिका आगे बढ़ता है, तो हम भी कदम उठाएंगे.’
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक अर्थशास्त्रियों का कहा है कि इस कदम का कनाडा की अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है, साथ ही अमेरिकी उपभोक्ताओं को महंगे दाम चुकाने पड़ सकते हैं. ट्रूडो ने अपने टेलीविजन संबोधन में कहा, ‘मैं इस स्थिति को आसान नहीं कहूंगा. आने वाले दिनों और हफ्तों में हमारे देश को कठिन समय से गुजरना पड़ सकता है.’ कनाडा अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर से पूरी तरह बचना चाहता है. यही कारण है कि उसने अमेरिका से लगने वाली सीमा पर 690 मिलियन डॉलर से ज्यादा खर्च करने की योजना बनाई है. हालांकि ट्रूडो ने कहा है कि सभी विकल्प खुले हुए हैं.
क्या कर सकता है कनाडा?
- अमेरिकी समानों पर टैक्स: कनाडा ट्रंप के पिछले कार्यकाल में भी अमेरिका से टैरिफ युद्ध लड़ चुका है. ट्रंप ने 2018 में कनाडा के एल्युमीनियम पर 10 और स्टील पर 25 फीसदी टैरिफ लगाए थे. जवाब में कनाडा ने भी फ्लोरिडा के संतरे के जूस, टेनेसी और केंटकी के व्हिस्की पर टैरिफ लगाया था. इस बार भी कनाडा चुनिंदा अमेरिकी सामानों पर टैक्स लगा सकता है. इसे एक सुरक्षित तरीका माना जाता है.
- डॉलर-फॉर-डॉलर टैरिफ: कनाडा ने पिछली बार अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर डॉलर-फॉर-डॉलर टैरिफ लगाया था. यानी जितना डॉलर अमेरिका ने कनाडा के निर्यात पर टैरिफ लगाया था, उतना ही कनाडा ने अमेरिकी समानों पर लगाया था. हालांकि पूरा कनाडा इससे सहमत नहीं है. सस्केचेवान राज्य के नेता स्कॉट मो ने कहा है कि अमेरिकी सामानों पर टैरिफ बढ़ाना देश को तोड़ देगा. मॉन्ट्रियल में मैकगिल विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के लेक्चरर, जूलियन करागुएसियन का कहना है कि इस तरह के टैरिफ से कनाडा में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ सकती है.
- ऊर्जा आपूर्ति पर प्रतिबंध: अमेरिका से लड़ने के लिए कनाडा के पास सबसे अच्छा विकल्प ऊर्जा है. वर्मोंट, न्यूयॉर्क और मेन जैसे उत्तर-पूर्वी अमेरिकी राज्य कनाडा से बेची जाने वाली बिजली पर निर्भर हैं. अमेरिका के 30 राज्य कनाडा से कुछ न कुछ बिजली खरीदते हैं. कनाडा अमेरिका को कच्चे तेल का सबसे बड़ा सप्लायर है. अमेरिका में 60 फीसदी कच्चा तेल कनाडा से आता है. ओंटारियो के प्रमुख डौग फोर्ड ने सुझाव दिया था कि कनाडा को अमेरिका के ऊर्जा की सप्लाई रोकनी चाहिए. इस विवादास्पद कदम से कनाडा अमेरिका को नुकसान पहुंचा सकता है. हालांकि कनाडा के तेल से समृद्ध अल्बर्टा प्रांत ने ऊर्जा आपूर्ति रोकने से इनकार कर दिया है.
- कोई प्रतिक्रिया न देना: डौग फोर्ड ने यह भी सुझाव दिया था कि कनाडा के कुछ प्रांतों की दुकानों से अमेरिकी शराब को हटा देना चाहिए. वहीं एक दूसरा विकल्प है कि कनाडा फिलहाल अभी के लिए कोई कार्रवाई न करे. कनाडाई अधिकारी लगातार अमेरिकी समकक्षों से मीटिंग कर रहे हैं. बुधवार को कनाडाई विदेश मंत्री मैलानी जोली ने अमेरिकी समकक्ष मार्को रूबियो से मुलाकात कर यह संदेश दिया कि टैरिफ दोनों देशों के लिए अच्छा नहीं होगा. कई एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि कनाडा को अपने व्यापार संबंधों में विविधता लाने और घरेलू उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
February 02, 2025, 10:13 IST