अंधेरा होते ही इस हाईवे पर भटकता है 'काल', रात में आने-जाने पर लगा बैन

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Last Updated:February 02, 2025, 12:23 IST

Bageshwar News: बागेश्वर में हाईवे पर प्रशासन ने आने जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. दिन के समय तो इस हाईवे से गाड़ियां चलती हैं, लेकिन रात के वक्त यहां जाना बैन है.

अंधेरा होते ही इस हाईवे पर भटकता है 'काल', रात में आने-जाने पर लगा बैन

अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर रात में जाने पर प्रतिबंध.

बागेश्वरः उत्तराखंड के बागेश्वर में अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर रात में आना जाना बैन कर दिया गया. यहां 17 फरवरी तक रात के 10 बजे से लेकर सुबह के 6 बजे तक आने जाने पर प्रतिबंध लगाया गया. जबकि दिन भर यहां गाड़ियां रफ्तार भर रही हैं. प्रशासन ने लोगों की जान की सुरक्षा के मद्देनजर यह फैसला लिया है. जिससे कि किसी भी प्रकार को कोई हादसा न हो. इस समय के बीच किसी भी प्रकार के वाहन का सड़क से गुजरना प्रतिबंधित किया गया. विस्तार से जानिए वजह…

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कुमाऊं के मैदानी इलाकों और पहाड़ी जिलों के बीच महत्वपूर्ण संपर्क के रूप में काम करने वाले अल्मोड़ा-हल्द्वानी राजमार्ग का 30 मीटर हिस्सा “लगातार डूब रहा है, जिससे वाहनों के नदी में गिरने का खतरा है.” इस वजह से राजमार्ग पर 17 फरवरी तक रात के समय यातायात प्रतिबंध लगा दिया गया है. रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच सड़क पर वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी. अल्मोड़ा आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल ने कहा, “डूबती सड़क के अलावा, ऊपरी पहाड़ियों से गिरते पत्थर और मलबे ने स्थिति को और खराब कर दिया है.”

अधिकारी विनीत पाल ने कहा कि “इलाके को देखते हुए, दुर्घटनाओं को रोकने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रात में यातायात की आवाजाही को पूरी तरह से रोकने का फैसला किया गया. जिसमें सभी जेसीबी संचालन को रोकना भी शामिल है.” मार्ग पर अक्सर यात्रा करने वाले लोगों ने कहा कि उन्हें सड़क अवरोधों और अप्रत्याशित भूस्खलन के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

बागेश्वर और हल्द्वानी के बीच अक्सर यात्रा करने वाली प्रेमा परिहार ने कहा, “क्वारब के पास लगातार ट्रैफिक जाम रहता है, और हमें नहीं पता कि कब मलबा गिर जाए.” क्वारब क्षेत्र के पास भूस्खलन के बाद बंद किए गए राजमार्ग को 6 जनवरी को फिर से खोल दिया गया था, जिसे “खतरनाक क्षेत्र” के रूप में चिह्नित किया गया था. बारिश के कारण सड़क का एक हिस्सा सुयाल नदी में डूब गया था, जिससे वाहनों की आवाजाही रुक गई थी.

सड़क को सबसे पहले 27 दिसंबर को बंद किया गया था, जब एक बड़े भूस्खलन के कारण केवल 2 मीटर चौड़ा हिस्सा ही बचा था. जिससे यात्रा खतरनाक हो गई थी. बंद होने से हल्द्वानी से अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जैसे प्रमुख शहरों का संपर्क बाधित हो गया था, जिससे निवासियों और पर्यटकों को काफी असुविधा हुई. राष्ट्रीय राजमार्ग अधिकारियों और भूवैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक संयुक्त निरीक्षण से संकेत मिला था कि पहाड़ी “खतरनाक रूप से अस्थिर” हो गई थी.

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Dehradun,Dehradun,Uttarakhand

First Published :

February 02, 2025, 12:23 IST

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