Agency:News18Hindi
Last Updated:February 02, 2025, 10:05 IST
कांगो की सेना और रवांडा समर्थित विद्रोहियों में मौत का तांडव हो रहा है. एक सप्ताह से यहां की धरती खून से सनी हुई है. विद्रोहियों को खदेड़ने के लिए सेना द्वारा किए गए प्रयासों के दौरान सप्ताह भर चली लड़ाई में 77...और पढ़ें
कांगो. एक मोर्चे पर यूक्रेन और रूस के बीच करीब तीन साल से जंग चल रहा है, तो दूसरे मोर्चे पर हमास और इजरायल के बीच जंग का संघर्ष विराम हुआ है. इन सबके अलावे एक मोर्चे पर भी जंग चल रहा है. ये देश है कांगो. यहां पर यूएन की शांति सेना और कांगों की सेना का रवांडा समर्थित विद्रोहियों के साथ जंग चल रहा है. एक सप्ताह चले इस जंग में तकरीबन 773 लोगों की मौत हो गई है.
कांगो के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि पूर्वी कांगो के सबसे बड़े शहर गोमा और उसके आसपास के इलाकों में इस सप्ताह रवांडा समर्थित विद्रोहियों के साथ लड़ाई में कम से कम 773 लोग मारे गए, जिन्होंने एक दशक से चल रहे संघर्ष में शहर पर कब्जा कर लिया. सेना द्वारा विद्रोहियों से कुछ गांवों को वापस ले लिए जाने के कारण विद्रोहियों की अन्य क्षेत्रों में बढ़त धीमी हो गई.
मर रहे हैं लोग
कांगो सरकार के प्रवक्ता पैट्रिक मुयाया ने राजधानी किंशासा में एक ब्रीफिंग में बताया कि अधिकारियों ने गोमा के मुर्दाघरों और अस्पतालों में 773 शवों और 2,880 घायल व्यक्तियों की पुष्टि की है, उन्होंने कहा कि मृतकों की संख्या और भी अधिक हो सकती है. मुयाया ने कहा, ‘ये आंकड़े पक्के नहीं हैं. विद्रोहियों ने लोगों से गोमा की सड़कों को खाली करवा दिया था.
लाशों से पटी सड़कें
विद्रोहियों द्वारा पानी और बिजली आपूर्ति सहित बुनियादी सेवाओं को बहाल करने का वादा करने के बाद शनिवार को सैकड़ों गोमा निवासी शहर लौट रहे थे. यहां की सड़कें मलबे से पटे पड़े हैं. खून की बदबू से भरे इलाकों को साफ किया जा रहा है. जहां भी जाओ हर तरफ लाश ही लाश है. यहां की लाशों को दफनाने के लिए सामूहिक कब्र की जरूरत है.
खदान के लिए जंग
कांगों में M23 खनिज-समृद्ध पूर्वी क्षेत्र में नियंत्रण के लिए होड़ चल रहा है. 100 से अधिक सशस्त्र समूहों में सबसे शक्तिशाली है, जहां दुनिया की अधिकांश टेक्नोलॉजी के लिए जरूरी के समान भंडार है. संयुक्त राष्ट्र के एक्सपर्ट ने बताया कि विद्रोहियों को रवांडा से लगभग 4,000 सैनिकों का समर्थन प्राप्त है. यह 2012 की तुलना में कहीं अधिक है, जब उन्होंने पहली बार गोमा पर कब्जा किया था.
कांगों की सेना मिली सफलता
कांगों की सेना को शनिवार को M23 विद्रोहियों के साथ लड़ाई में सफलता मिली. कांगो की सेना ने दक्षिण किवु के कालेहे क्षेत्र में संजी, मुगांज़ो और मुकविदजा के गांवों पर फिर से कब्ज़ा कर लिया. इसी सप्ताह की शुरुआत में ये गांव विद्रोहियों के कब्जे में आ गए थे. सूत्रों से खबर आ रहा है कि गोमा के पतन के बाद सैकड़ों सैनिकों की मौत से कांगो की सेना कमजोर हो गई है. वहीं, भाड़े के विदेशी सैनिक विद्रोहियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिए हैं.
यूएन शांति सेना
संयुक्त राष्ट्र शांति सेना प्रमुख जीन-पियरे लैक्रोइक्स ने शुक्रवार को बताया , ‘एम23 विद्रोही और रवांडा की सेनाएं बुकावु से लगभग 60 किलोमीटर (37 मील) उत्तर में हैं. गोमा, पूर्वी कांगो में संघर्ष के कारण विस्थापित हुए 6 मिलियन लोगों में से कई लोगों के लिए एक मानवीय केंद्र के रूप में कार्य कर रहा है. विद्रोहियों ने कहा कि वे कांगो की राजधानी किंशासा तक मार्च करेंगे, जो पश्चिम में 1,600 किलोमीटर (1,000 मील) दूर है.
कितने मारे गए
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने शुक्रवार को एक ब्रीफिंग में यह भी बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और उसके सहयोगियों ने 26-30 जनवरी के बीच कांगो सरकार के साथ एक आकलन किया. रिपोर्ट के अनुसार, गोमा और उसके आसपास के इलाकों में 700 लोग मारे गए और 2,800 घायल हुए.
महिलाओं का रेप
लॉरेंस ने कहा कि क्षेत्र में लड़ाई के दौरान कांगो के बलों पर यौन हिंसा का भी आरोप लगाया गया है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र उन रिपोर्टों की पुष्टि कर रहा है कि कांगो के सैनिकों ने दक्षिण किवु में 52 महिलाओं के साथ बलात्कार किया. कांगो में मर्सी कॉर्प्स सहायता समूह की कंट्री डायरेक्टर रोज़ त्चेन्को ने कहा कि गोमा के पकड़े जाने से मानवीय अभियान ‘ठप हो गए हैं, जिससे पूर्वी (कांगो) में सहायता पहुंचाने की महत्वपूर्ण जीवन रेखा कट गई है.’
First Published :
February 02, 2025, 10:05 IST