Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:February 02, 2025, 12:12 IST
Wheat Farming Tips In Hindi: गेहूं की खेती किसानों को आसानी से मालामाल बना सकती है. जरूरत है तो बस यही टिप्स को फॉलो करने की.
सांकेतिक फोटो
हाइलाइट्स
- फरवरी माह गेहूं की ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण है.
- समय पर पानी की सिंचाई गेहूं की ग्रोथ को बेहतर बनाती है.
- रासायनिक खाद जमीन की उर्वरक क्षमता को कमजोर करती है.
Wheat Farming Tips In Hindi: उत्तर प्रदेश की मेरठ से ताल्लुक रखने वाले जिन किसानों ने अपने खेत में गेहूं की बुवाई की है. वो यह सोचकर परेशान हैं कि लागत अनुसार फसल में मुनाफा होगा या नहीं. ऐसे सभी किसानों की चिंता को देखते हुए लोकल-18 की टीम द्वारा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में संचालित आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन एक्सपर्ट प्रोफेसर शैलेंद्र सिंह गौरव से खास बातचीत की. उन्होंने किसानों को गेहूं की खेती से संबंधित विभिन्न प्रकार के टिप्स दिए. जिनका उपयोग करते हुए किसान बंपर पैदावार कर सकते हैं.
गेहूं की ग्रोथ के लिए खास है यह महीना
प्रोफेसर शैलेंद्र सिंह गौरव ने बताया कि फरवरी माह गेहूं की ग्रोथ के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. किसानों को इस समय गेहूं की फसल के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस समय टेंपरेचर का खास ध्यान रखना पड़ता है. क्योंकि गेहूं में बेहतर दाने उपज के लिए 18 सेल्सियस डिग्री तापमान का भी अच्छा माना जाता है. लेकिन जिस तरीके से मौसम में बदलाव हो रहा है. उसका प्रभाव फसल पर पड़ने की संभावना है. ऐसे में किसान टेंपरेचर के हिसाब से पानी की सिंचाई का बेहद खास ध्यान रखें. उन्होंने कहा कि समय पर पानी की सिंचाई गेहूं की ग्रोथ को बेहतर बनाने में काफी कामयाब मानी जाती है.
गेहूं के लिए महत्वपूर्ण है सिंचाई
डॉ शैलेंद्र सिंह गौरव बताते हैं कि गेहूं की सिंचाई के लिए गेहूं की बुवाई से लेकर गेहूं की अच्छी ग्रोथ तक 6 पानी की सिंचाई महत्वपूर्ण मानी जाती है. ऐसे में फरवरी माह में भी किसानों को टेंपरेचर के हिसाब से गेहूं की सिंचाई करनी चाहिए. हालांकि उन्होंने कहा अगर बारिश आपके क्षेत्र में हो गई है. तो अगर आवश्यकता हो तभी खेतों में सिंचाई करें. क्योंकि कई बार अधिक मात्रा में सिंचाई भी फसल को नुकसान पहुंचा देती है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक खाद का ही उपयोग करते हुए किसान खेती के क्षेत्र में आगे बढ़े.
जमीन के लिए घातक है रासायनिक खाद
उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर की भले ही फसल रासायनिक खाद के माध्यम से अच्छी हो जाती हो. लेकिन वह धीरे-धीरे जमीन की उर्वरक क्षमता को कमजोर करते चले जाते हैं. इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि कई तरह के पेस्टिसाइड का उपयोग हम लोग खेतों में करने लगे हैं. उसे गेहूं की फसल के साथ दाने में भी उसका असर देखने को मिलता है. जो बीमारी का भी एक प्रमुख कारण बन जाता है. ऐसे में किसान इन बातों का विशेष ध्यान रखते हुए खेती करेंगे. तो उन्हें बंपर पैदावार होगी.
बताते चलें कि विश्वविद्यालय के आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग में विभिन्न प्रकार के समय समय पर शोध भी किए जाते हैं. जिससे किसानों को बेहतर फसल की तरफ बढ़ाया जा सके.
Location :
Meerut Cantonment,Meerut,Uttar Pradesh
First Published :
February 02, 2025, 12:12 IST
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