Last Updated:February 12, 2025, 12:42 IST
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बजट 2025-26 पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह अमीरों को ज्यादा फायदा पहुंचाता है और मध्यम वर्ग को मामूली राहत देता है. उन्होंने मनरेगा बजट कटौती और महंगाई पर चिंता जताई.
हाइलाइट्स
- चिदंबरम ने बजट 2025-26 को अमीरों के लिए फायदेमंद बताया.
- मनरेगा बजट कटौती और महंगाई पर चिदंबरम ने चिंता जताई.
- चिदंबरम ने बजट को राजनीतिक मकसद से प्रेरित बताया.
नई दिल्ली. एक फरवरी को पेश किए गए बजट को सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी आम आदमी का बजट बता रही है. बजट में नई कर व्यवस्था के तहत आयकर छूट 12 लाख रुपये करने के फैसले से मध्यम वर्ग को काफी राहत मिली है. लेकिन, कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम का कहना है कि बजट से अमीरों और अति अमीरों को ज्यादा फायदा हुआ है. राज्यसभा में बजट 2025-26 पर बहस के दौरान चिदंबरम ने केंद्र सरकार की आयकर नीतियों पर सवाल उठाए.
पी. चिदंबरम ने दावा किया कि अगले साल 80-85 लाख करदाता टैक्स के दायरे से बाहर हो जाएंगे और 2.5 करोड़ करदाताओं को नए कर प्रस्तावों का लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा, “इस 2.5 करोड़ में केवल मध्यम वर्ग ही नहीं, बल्कि 2,27,315 वे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने 1 करोड़ रुपये से अधिक की आय दर्ज की है. इसमें 262 लोग ऐसे हैं, जिनकी आय 100 करोड़ रुपये से ज्यादा और 23 लोग ऐसे हैं, जिनकी आय 500 करोड़ रुपये से अधिक है.”
कैसे हासिल होगी 11% राजस्व वृद्धि
चिदंबरम ने सरकार के उस दावे पर सवाल उठाया, जिसमें कहा गया कि आयकर छूट के चलते ₹1 लाख करोड़ का नुकसान हुआ. उन्होंने कहा, “फिर भी वित्त मंत्री का दावा है कि 2025-26 में केंद्र सरकार की शुद्ध कर राजस्व वृद्धि 11.1% होगी, जो 2024-25 में भी 11% थी. अगर सरकार को ₹1 लाख करोड़ का नुकसान हुआ, तो कर राजस्व में इतनी ही वृद्धि कैसे होगी? यह गणित नहीं, बल्कि जादू है.”
चिदंबरम ने आरोप लगाया कि यह बजट राजनीतिक मकसद से तैयार किया गया है और इसका फोकस दिल्ली विधानसभा चुनाव था. उन्होंने कहा, “बजट के पीछे एक आर्थिक दर्शन होना चाहिए, लेकिन मुझे इसमें कोई दर्शन नहीं दिखता. इसे समझने के बावजूद मैं कह सकता हूं कि इस बजट के पीछे कोई स्पष्ट आर्थिक नीति नहीं है. यह साफ है कि बजट राजनीतिक रूप से प्रेरित था. मैं इस पर ज्यादा नहीं बोलूंगा, लेकिन मैं वित्त मंत्री को उनके एक लक्ष्य को पूरा करने के लिए बधाई देता हूं.”
मनरेगा बजट कटौती पर उठाए सवाल
चिदंबरम ने सरकार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के बजट में कटौती और पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम न करने का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि 2012 से 2024 तक खाद्य मुद्रास्फीति 6.18%, शिक्षा मुद्रास्फीति 11% और स्वास्थ्य मुद्रास्फीति 14% तक पहुंच गई, जिससे आम परिवारों की वित्तीय स्थिति प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा, “भारतीय परिवारों की बचत 25.2% से घटकर 18.4% हो गई है. ग्रामीण परिवार की औसत मासिक प्रति व्यक्ति खर्च ₹4,226 और शहरी क्षेत्रों में ₹6,996 है. ऐसे में इस बजट ने देश के निचले 50% और 25% लोगों के लिए क्या किया? कुछ भी नहीं! वित्त मंत्री ने उनके लिए कोई राहत नहीं दी.”
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First Published :
February 12, 2025, 12:40 IST