Agency:News18 Bihar
Last Updated:February 12, 2025, 15:15 IST
sugarcane sowing: बसंत कालीन गन्ने की बुवाई का समय आ चुका है. जिले के किसान भी इसकी खेती के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. जानकारों की मानें तो, 15 फरवरी से गन्ने की बुवाई का काम शुरू किया जा सकता है.
प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
- 15 फरवरी से गन्ने की बुवाई शुरू करें, 30 अप्रैल तक पूरी करें.
- राजेंद्र गन्ना 01, 03, 05 और COP 9301 से अधिक पैदावार.
- बीज उपचार से गन्ने को लाल सड़न से बचाएं.
पश्चिम चम्पारण. बसंत कालीन गन्ने की बुवाई का समय आ चुका है. जिले के किसान भी इसकी खेती के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. जानकारों की मानें तो, 15 फरवरी से गन्ने की बुवाई का काम शुरू किया जा सकता है, जिसे किसी भी हाल में 30 अप्रैल तक पूरा कर लेना ही उचित है. ध्यान रहे कि गन्ने को लाल सड़न सहित अन्य रोगों से बचाने के लिए बुवाई के दौरान आपको कुछ खास कार्यों को अनिवार्य रूप से कर लेना चाहिए. आज हम आपको गन्ने की खास नस्ल सहित उनके बुवाई पर कुछ विशेष जानकारी साझा करने वाले हैं.
जिले के मझौलिया प्रखंड के माधोपुर स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र में कार्यरत कृषि वैज्ञानिक सतीश चंद्र नारायण बताते हैं कि ‘लाल सड़न’ गन्ने की एक बीज जनित बीमारी है. इस रोग का प्रारंभिक संक्रमण गन्ने के बीज के माध्यम से होता है, इसलिए किसान गन्ना बुवाई से पहले बीज का उपचार अवश्य करें. बीज उपचार हेतु कार्बेन्डाजिम और थायोफिनेट मेथिल 0.1 प्रतिशत की दर से 112 लीटर पानी में 112 ग्राम रसायन मिलाकर गन्ने के एक-दो आंख के टुकड़ों को 10 मिनट तक शोधित करने के बाद बुवाई करें. इस बीमारी से बचाव हेतु रोग रहित शुद्ध स्वास्थ्य विभाग नर्सरी, पंजीकृत गन्ना बीज उत्पादकों की नर्सरी या अपने स्वस्थ खेत से ही बीज लेकर बुवाई करें.
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किसानों के लिए बेहतर हैं गन्ने के ये प्रभेद
डॉ.सतीश ने गन्ने की कुछ ऐसी प्रजातियों के बारे में बताया है, जिसकी खेती किसानों को बेहद लाभ दे सकती है. इनमें राजेंद्र गन्ना 01, राजेंद्र गन्ना 02, राजेंद्र गन्ना 03, राजेंद्र गन्ना 04, राजेंद्र गन्ना 05 तथा COP 9301 शामिल हैं. बकौल सतीश, राजेंद्र गन्ना 02 में चीनी की मात्रा बहुत अधिक होती है. ऐसे में चम्पारण के किसानों के लिए यह प्रजाति बेहद लाभदायक साबित हो सकती है. किसान यदि अधिक उत्पादन क्षमता वाले गन्ने की खेती करना चाहते हैं. तो उन्हे राजेंद्र गन्ना 01, राजेंद्र गन्ना 03 तथा राजेंद्र गन्ना 05 तथा सी.ओ.पी 9301 का चुनाव अवश्य करना चाहिए.
1 हेक्टेयर में 700 क्विंटल से अधिक उत्पादन
कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि राजेंद्र गन्ना 01, 03 और 05 की उत्पादन क्षमता प्रति हेक्टेयर 100 टन से भी ज्यादा है. साल 2022 में माधोपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र से करीब 350 किसानों में राजेंद्र गन्ना 01 का बीज वितरित किया गया था. आश्चर्य की बात यह है कि सेम पैमाने पर जब अलग-अलग गन्ने की बुआई की गई, तो उसमें राजेंद्र गन्ना 01 की पैदावार सबसे अधिक हुई. इतना ही नहीं, किसान यदि गन्ने की COP 9301 प्रजाति को लगाते हैं, तो प्रति हेक्टेयर 700 क्विंटल तक पैदावार निश्चित है.
Location :
Bettiah,Pashchim Champaran,Bihar
First Published :
February 12, 2025, 15:15 IST
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