Agency:Local18
Last Updated:February 04, 2025, 18:15 IST
Ber ki kheti: जरीफ अली ने 65 बीघा जमीन पर 10 प्रकार की बेर की खेती शुरू की. वे अब ड्रैगन फ्रूट और अन्य फलों की खेती भी कर रहे हैं और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं.
असम के दरंग जिले के खारुपेटिया गांव के रहने वाले जरीफ अली ने खेती में नया मोड़ दिया है. पहले वे सिर्फ सब्जियां उगाते थे, लेकिन फिर उन्होंने सोचा कि अगर वे फल की खेती करें तो ज्यादा मुनाफा होगा. उन्होंने 2013 में सिर्फ डेढ़ बीघा जमीन पर बेर की खेती शुरू की थी. लेकिन आज, उनकी मेहनत और लगन से वो 65 बीघा जमीन पर बेर उगाने लगे हैं!
उन्नत बेर की किस्में और बढ़ी हुई आमदनी
जरीफ अली ने सिर्फ असम में ही नहीं, बल्कि थाईलैंड, भूटान, वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया और कुवैत जैसे देशों से उन्नत किस्म की बेर मंगवायी हैं. इन खास बेरों की बाजार में अच्छी मांग है, और इससे उन्हें हर साल काफी मुनाफा हो रहा है. अब उनके पास न सिर्फ बेर, बल्कि ड्रैगन फ्रूट, हाइब्रिड कटहल, हाइब्रिड आम और माल्टा जैसी फलों की भी खेती हो रही है.
किसान नहीं, एक उद्यमी बन गए जरीफ अली
जरीफ अली की मेहनत और दूरदर्शिता के कारण उनकी खेती ने न केवल उन्हें आर्थिक फायदा दिया, बल्कि उन्होंने ९ परिवारों को भी रोजगार दिया. ये परिवार उनके साथ मिलकर बेर की खेती, ड्रैगन फ्रूट की देखभाल और दूसरे फलों की खेती कर रहे हैं. जरीफ अली का मानना है कि अगर किसान अपने पारंपरिक तरीकों को छोड़कर उन्नत खेती की ओर बढ़ें, तो वे आत्मनिर्भर बन सकते हैं.
जरीफ अली की कहानी से प्रेरणा लें
आजकल खेती सिर्फ खाना उगाने का तरीका नहीं, बल्कि एक बड़ा बिजनेस बन चुकी है. जरीफ अली की तरह अगर हम भी अपनी सोच और मेहनत से खेती को एक नए दिशा में ले जाएं, तो हम भी अपनी जिंदगी बदल सकते हैं. उन्होंने यह साबित किया है कि सिर्फ मेहनत से ही नहीं, बल्कि सही तरीके से काम करने से भी सफलता मिल सकती है.
First Published :
February 04, 2025, 18:15 IST
इस छोटे से फल की खेती करके सेठ बन गया किसान! मुनाफा इतना की बदल गई किस्मत