धतूरा की कुछ प्रजातियां विषैली हो सकती है
जयपुर:- हर जगह आसानी से उगने वाला धतूरा भगवान शंकर को बहुत प्रिय पौधा माना जाता है. भगवान शिव की आराधना में धतूरा अर्पित किया जाता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि इसके अल्प मात्रा में प्रयोग कई रोगों को ठीक करने में भी किया जाता रहा है. धतूरा का पौधा 1 से 2 मीटर ऊंचा होता है. यह हरी पत्तियों वाला पौधा होता है. इस पर गोल आकार के बीच में हल्के काटा नुमा फल लगता है.
धतूरा पर सफेद लंबे फूल आते हैं. भारत में धतूरा की अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं. मुख्य तौर पर धतूरा औषधीय उपयोग में भी लिया जाता रहा है. धतूरा के सुखे पत्ते बीज बहुत उपयोगी माने जाते हैं. डॉक्टर किशन लाल बताते हैं कि धतूरा साधारणतः हर जलवायु में उगने वाला छोटे तने वाला पौधा होता है. धतूरा को विष वाला पौधा भी माना जाता है. लेकिन इनके बीज, पत्तियों का औषधि के रूप में कई बीमारियों के इलाज में किया जाता रहा है.
धतूरा के औषधीय गुण
आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल लोकल 18 को बताते हैं कि धतूरा की कुछ प्रजातियां विषैली हो सकती हैं. लेकिन कुछ प्रजातियां औषधीय दृष्टि से बहुत खास होती हैं. धतूरा साथ संबंधी समस्या के निदान में रामबाण इलाज माना जाता है. धतूरे के धुआं का इस्तेमाल करके सांस की समस्या से निजात पाया जा सकता है. धतूरा के इस्तेमाल से खांसी भी कम होती है और मांसपेशियों को तुरंत राहत मिलता है. शरीर के दर्द को कम करने में भी धतूरा सहायक होता है.
बुखार और मलेरिया रोग कम करने में सहायक
आयुर्वेद में धतूरे को बुखार कम करने वाली औषधि के तौर पर देखा गया है. इसके इस्तेमाल से बुखार के लक्षण कम होते हैं. मलेरिया के इलाज के लिए धतूरा के फल को आग में जलाए और कम मात्रा में इसका इस्तेमाल करते हुए इसका प्रयोग करें, जिससे मलेरिया रोग में राहत मिलेगी. साथ ही धतूरे के बीज हृदय के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. यह हृदय प्रणाली को आराम दिलाने में सहायक होते हैं. हृदय के मरीजों को धतूरा का प्रयोग करना चाहिए.
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ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने, झड़ते बाल रोकने में सहायक
धतूरे के लगातार इस्तेमाल करने से ब्लड प्रेशर नॉर्मल रहता है और हृदय के स्ट्रोक की संभावना भी काफी कम हो जाती है. इसके अलावा झड़ते हुए बालों से परेशान लोगों को धतूरा के बीज के तेल का लगातार इस्तेमाल करना चाहिए. धतूरे के तेल का पोषण बीजों के झड़ने की समस्या से तुरंत राहत दिलाता है. बीजों को पीसकर पाउडर बनाकर भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 14:02 IST
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