नई दिल्ली. संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार बीमा क्षेत्र में बड़े बदलावों के लिए बीमा संशोधन विधेयक पेश करने की योजना बना रही है. यह विधेयक ‘2047 तक सभी के लिए बीमा’ के लक्ष्य को पूरा करने के लिए लाया जा रहा है. इस विधेयक के जरिए इंश्योरेंस एक्ट, 1938 में कई अहम संशोधन किए जाएंगे. सूत्रों के मुताबिक, इस संशोधन में बीमा कंपनियों के लिए एकल लाइसेंस (कंपोजिट लाइसेंस) का प्रावधान शामिल होगा, जिससे कंपनियां लाइफ, जनरल और हेल्थ बीमा प्रोडक्ट्स को अलग-अलग लाइसेंस के बिना बेच सकेंगी.
इसके अलावा, बीमा कंपनियों को म्यूचुअल फंड, लोन, क्रेडिट कार्ड और बैंक डिपॉजिट जैसे अन्य वित्तीय उत्पाद बेचने की अनुमति भी दी जा सकती है. इंश्योरेंस एक्ट में इस बदलाव से एलआईसी, एचडीएफसी लाइफ और मैक्स लाइफ समेत उन कई कंपनियों के ग्राहकों को लाभ होगा जो अभी तक केवल जीवन बीमा बेच रही थीं.
न्यूनतम इन्वेस्टमेंट में कटौती
बीमा व्यवसाय शुरू करने के लिए पूंजी की मौजूदा सीमा ₹200 करोड़ से घटाकर ₹100 करोड़ किए जाने का प्रस्ताव है. इस कदम से नई कंपनियों को बीमा उद्योग में प्रवेश करने का अवसर मिलेगा. साथ ही विदेशी निवेश (FDI) की सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% करने की संभावना भी है, जिससे इस क्षेत्र में विदेशी पूंजी प्रवाह को बढ़ावा मिलेगा.
IRDAI के बढ़ेंगे अधिकार
इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) को बीमा कंपनियों के निवेश के नियमों को अधिक लचीला बनाने का अधिकार दिए जाने की संभावना है. IRDAI के अध्यक्ष देबाशीष पांडा ने हाल ही में कहा कि कंपोजिट लाइसेंस का रास्ता साफ करने के लिए विधेयक को जल्द से जल्द मंजूरी मिलनी चाहिए. इसके अलावा, जोखिम आधारित पूंजी (Risk-Based Capital) व्यवस्था को लागू करने के लिए IRDAI पहले ही क्वांटिटेटिव इम्पैक्ट स्टडी (QIS) कर चुका है. इस पर चर्चा के बाद, अगले तीन-चार महीनों में QIS-2 करने की योजना है.
विशषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि यह विधेयक भारत के बीमा क्षेत्र में सबसे साहसिक और व्यापक सुधार साबित हो सकता है. यह न केवल बीमा सेवाओं को अधिक सुलभ बनाएगा बल्कि बीमा कंपनियों के लिए नए व्यावसायिक अवसर भी पैदा करेगा. संसद में मंजूरी के बाद ये बदलाव बीमा क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं.
Tags: Business news, Life Insurance
FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 15:53 IST