इस सफेद फूल में छिपे हैं आयुर्वेद के गुण, सिरदर्द और आंखों की समस्या में कारगर

2 hours ago 1

X

चंपा

चंपा के पौधे का औषधीय उपयोग किया जाता रहा है.

जयपुर:- हिंदू धर्म शास्त्रों में फूलों को देवी-देवताओं से जोड़कर देखा जाता रहा है. कई सुगंधित पुष्प भगवान को अर्पित किए जाते हैं, तो कई पुष्प सजावट के काम में लिए जाते हैं. टेंपल ट्री के नाम से प्रसिद्ध चंपा का फूल बहुत सुगंधित व सुंदर फूल होता है. चंपा का पौधा भगवान श्री कृष्ण को बहुत प्रिय माना गया है. ऐसा कहां जाता है कि गोपियां कृष्ण को खोजते हुए वृंदावन के जंगल में चंपा के पेड़ों से बातें करती थी. वह पेड़ों से पूछा करती थी कि क्या उन्होंने अपने प्रिय को कहीं देखा है.

प्राचीन हिंदू शास्त्रों में भी उल्लेख
पुराणों में कहा गया है कि चंपा के पौधे में भगवान शिव का निवास होता है. चंपा का पौधा सुगंधित आध्यात्मिक उन्नति देने वाला पौधा माना गया है. प्राचीन हिंदू शास्त्रों में चंपा के पौधे की सुंदरता का वर्णन किया गया है. चंपा का पौधा उष्णकटिबंधीय सदाबहार झाड़ी नुमा पौधा होता है. इसके मनमोहन फूल ने केवल मनुष्य को, बल्कि देवी-देवताओं को भी आकर्षित किया है.

चंपा का पौधा कैसे उगाएं
गार्डनिंग एक्सपर्ट रमेश कुमार ने लोकल 18 को बताया कि चंपा को गार्डन व गमले में भी उगाया जा सकता है. सबसे पहले उपजाऊ मिट्टी तैयार करने के लिए गोबर को मिलाकर मिट्टी का एक मिश्रण तैयार किया जाता है, फिर गार्डन में पौधा लगाने के लिए सही अनुपात में गड्ढा खोद लिया जाता है. फिर उपजाऊ मिट्टी का मिश्रण गड्ढे में डाल दिया जाता है. फिर उसमें चंपा का छोटा पौधा लगा दिया जाता है और उसे धूप वाले स्थान पर अच्छी तरह रख देते हैं. मिट्टी को नम करने के लिए उसे बराबर पानी भी देते रहना चाहिए. गमले में चंपा का छोटा पौधा लगाने के एक सीमेंट या मिट्टी का गमला लेना चाहिए. उपजाऊ मिट्टी के बाद छोटे चंपा के पौधे को रोपण कर सही मात्रा में पानी देते रहे. थोड़े दिनों बाद चंपा का पौधा अच्छा विकसित हो जाता है.

चंपा के औषधिय गुण
आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने Local 18 को बताया कि आयुर्वेद में चंपा के पौधे का औषधीय उपयोग किया जाता रहा है. चंपा की छाल के पत्तों रस व जड़े बहुत उपयोगी मानी जाती है. वहीं चंपा सुगंधित पुष्प के साथ-साथ औषधिय गुणों से भी भरपूर होता है. आयुर्वेद की कई दवा बनाने में चंपा के पौधे का उपयोग होता रहा है. चंपा में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं.

सिर दर्द और आंखों की जलन में उपयोग
चंपा के फूल की सुगंध से सिर दर्द में आराम मिलता है. चंपा के तेल से सिर की मालिश करने से तुरंत आराम मिलता है. चंपा के फूल का चूर्ण पानी में मिलाकर पीने से पेशाब करने में दिक्कत होने की समस्या दूर हो सकती है. चंपा की तासीर आंखों की जलन को ठीक करती है. चंपा के फूल का चूर्ण बनाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से आंखों की जलन से तुरंत आराम मिलता है. इसके अलावा चंपा के फूलों के लेप से घाव जल्दी भरते हैं. यह त्वचा पर होने वाली जलन और सूजन को भी ठीक करता है. साथ ही चंपा के पुष्प सुगंधित व आराम देने वाले होते हैं. चंपा तनाव को कम करने और मानसिक स्वास्थ्य को ठीक करती है.

ये भी पढ़ें:- विदेशों तक होती है नागौर के इस फसल की डिमांड, 4 महीने में हो जाती है खेती, क्या है इसे उगाने के फायदे

चंपा के धार्मिक महत्व
चंपा का पौधा अति प्राचीन माना जाता है. भगवान बुद्ध के समय चंपा के पौधे का वर्णन मिलता है. बौद्ध कालीन सभ्यता में चंपा सबसे पवित्र पौधा माना जाता रहा है. धार्मिक दृष्टि से चंपा का पुष्प बड़ा महत्व माना गया है. भगवान कार्तिकेय को चंपा पुष्प बेहद प्रिय है. चंपा के पुष्प को टेंपल ट्री भी कहा जाता है. ईश्वर की आराधना में चंपा के पुष्प को अर्पित किया जाता रहा है. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भी चंपा का पुष्प अर्पित किया जाता है. चंपा के पुष्प को रात में नहीं तोड़ना चाहिए.

Tags: Health News, Health tips, Jaipur news, Local18

FIRST PUBLISHED :

November 26, 2024, 13:43 IST

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article