नई दिल्ली: ईरान-इजरायल जंग में सबकी नजर नेतन्याहू पर टिकी है. ईरान के 200 मिसाइल अटैक का इजरायल कब और कैसे बदला लेगा, इसके लिए नेतन्याहू अभी प्लान बना रहे हैं. मगर उससे पहले ही ईरान ने खेल कर दिया है. ईरान ने साफ-साफ कह दिया है कि अगर उसके तेल ठिकानों पर हमला हुआ तो खाड़ी देश के तेल ठिकाने भी सेफ नहीं रहेंगे. यही वजह है कि ईरान से बदला लेने में इजरायल को काफी सोच-विचार करना पड़ रहा है. फिलहाल, इजरायल अभी ईरान के तेल ठिकानों पर हमला करने की प्लानिंग कर रहा है. इसे देखते हुए खाड़ी देशों के कान खड़े हो गए हैं. गल्फ कंट्री यानी खाड़ी देश अमेरिका पर दबाव बना रहे हैं कि वह ईरान के तेल ठिकानों पर हमला करने से इजरायल को रोके. खाड़ी देशों को डर है कि अगर जंग बढ़ी तो ईरान समर्थित गुट उनके तेल ठिकानों पर भी हमला कर सकते हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कतर समेत खाड़ी देश खुद को जंग में फंसने से बचाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने अमेरिका को साफ कह दिया है कि वे इजरायल को ईरान पर हमला करने के लिए अपने एयर स्पेस यानी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं करने देंगे. दरअसल, पिछले हफ्ते हुए मिसाइल हमले के बाद इजरायल ने ईरान को सबक सिखाने की कसम खाई है. वहीं, ईरान का कहना है कि अगर उस पर कोई हमला हुआ तो उसका जवाब उसे तबाह करके दिया जाएगा. इससे आशंका जताई जा रही है कि इस इलाके में बड़ी जंग छिड़ सकती है, जिसमें खाड़ी देशों के अलावा, अमेरिका भी घिसट सकता है.
दरअसल, गैर-अरब शिया देश ईरान लगातार अपने सुन्नी खाड़ी पड़ोसी देशों पर दबाव बना रहा है कि वे अमेरिका पर अपना प्रभाव इस्तेमाल करें. ईरान को डर है कि इजरायल उसके तेल उत्पादन केन्द्रों को निशाना बना सकता है. इसी के बाद खाड़ी देशों ने यह कदम उठाया है. इस हफ्ते हुईं बैठकों के दौरान ईरान ने सऊदी अरब को आगाह किया है कि अगर इजरायल को किसी भी तरह की मदद दी गई तो वह खाड़ी देश के तेल फैसिलिटी की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकता. यह जानकारी ईरानी अधिकारी और एक ईरानी राजनयिक के हवाले से दी गई है.
सऊदी शाही परिवार के करीबी और विश्लेषक अली शिहाबी की मानें तो ईरान ने साफ कह दिया है कि अगर खाड़ी देश इजरायल के लिए अपना एयर स्पेस खोलते हैं, तो ये जंग छेड़ने जैसा होगा’. मगर सऊदी अरब किसी को भी अपने हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं करने देगा. राजनयिक ने कहा कि तेहरान ने रियाद को साफ तौर पर कह दिया है कि अगर इजरायल को ईरान के खिलाफ कोई क्षेत्रीय समर्थन अथवा मदद मिलती है तो इराक या यमन जैसे देशों में उसके सहयोगी गुट जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं.
खाड़ी और ईरानी सूत्रों ने बताया कि बुधवार को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराकची के बीच हुई बातचीत में इजरायल के संभावित हमले पर ध्यान केंद्रित किया गया. ईरानी मंत्री अराकची समर्थन जुटाने के लिए खाड़ी देशों के दौरे पर थे.
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FIRST PUBLISHED :
October 11, 2024, 06:30 IST